लखनऊ: बसपा से निष्कासित किए गए नसीमुद्दीन सिद्दीकी की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के परिवार पर अशोभनीय टिप्पणी को लेकर दर्ज कराए गए मुकदमे में हजरतगंज पुलिस जल्द ही नसीमुद्दीन सहित अन्य आरोपितों के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल करने की तैयारी में है। एसएसपी दीपक कुमार के मुताबिक मामले में विवेचक सीओ हजरतगंज की ओर से आरोपितों को नोटिस जारी किए गए हैं। विवेचना की प्रक्रिया को पूरा कर जल्द कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।
ध्यान रहे कि जुलाई, 2016 में बसपा सुप्रीमो मायावती के खिलाफ अशोभनीय टिप्पणी के मामले को लेकर बसपा के नेताओं ने भाजपा नेता दयाशंकर सिंह के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराने के साथ ही हजरतगंज चौराहे पर प्रदर्शन किया था। प्रदर्शन के दौरान बसपा नेताओं ने दयाशंकर की मां-बेटी को लेकर अशोभनीय नारे लगाए थे। अगले दिन भाषाई मर्यादा के सवाल को लेकर दयाशंकर का परिवार आगे आया था। 22 जुलाई, 2016 को दयाशंकर की मां तेतरा देवी की तहरीर पर हजरतगंज कोतवाली में बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती, तत्कालीन राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी, तत्कालीन राष्ट्रीय सचिव मेवालाल गौतम, और तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राम अचल राजभर व अन्य के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई थी।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर आरोपितों के विरुद्ध षड्यंत्र, ऐसा कृत्य जिससे दो संप्रदाय अथवा जाति के लोगों के बीच विद्वेष पैदा हो, ऐसा कृत्य जिससे किसी महिला के मान-सम्मान को हानि हो, गाली-गलौज व जान से मारने की धमकी देने की धाराओं में रिपोर्ट दर्ज की थी। बाद में मुकदमे में पॉक्सो एक्ट की बढ़ोतरी भी की गई थी। एएसपी पूर्वी शिवराम यादव के मुताबिक मामले में तेतरा देवी पक्ष की ओर से दी गई सीडी की फोरेंसिक रिपोर्ट आ गई है। सीडी प्रमाणित है। विवेचक की ओर से आरोपित नसीमुद्दीन, रामअचल राजभर, मेवा लाल गौतम व अन्य को सीआरपीसी के तहत 41-बी का नोटिस दिया गया है। दर्ज मुकदमे की धाराओं में सात साल से कम की सजा है। विवेचना की विधिक प्रक्रिया को पूरा कर जल्द आरोपपत्र दाखिल किया जाएगा।