लखनऊ: डॉ.भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के फर्जी अंकपत्रों के आधार पर गुजरे 12 वर्षों के दौरान 4570 अभ्यर्थी परिषदीय स्कूलों में शिक्षक पद पर नियुक्ति पाने में कामयाब रहे। विशेष जांच दल (एसआइटी) की जांच में यह तथ्य उजागर होने पर अब इन शिक्षकों की नौकरी पर बर्खास्तगी की तलवार लटक रही है। शासन ने ऐसे शिक्षकों की सूची जिला बेसिक शिक्षा अधिकारियों को जारी कर उनके खिलाफ कानूनी कार्यवाही करने का निर्देश दिया है।
फर्जी अंकपत्रों के आधार पर शिक्षक की नौकरी हासिल करने का यह मामला अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 से जुड़ा है। इस मामले में वर्ष 2013 में हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की गई थी। हाईकोर्ट में संरक्षित बीएड सत्र 2004-05 के चार्टों के प्रकरण में जांच के बाद शासन ने 16 अक्टूबर 2015 को एसआइटी को मुकदमा पंजीकृत करने का आदेश दिया था। इस मामले में हाईकोर्ट की ओर से पांच मई 2014 को पारित आदेश के क्रम में रजिस्ट्रार जनरल के पास वर्ष 2013 से सर्वमोहर संरक्षित टैबुलेशन पार्ट की प्रति एसआइटी को उपलब्ध कराई गई।
इसके अलावा एसआइटी को अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा द्वारा बीएड सत्र 2005 का मूल टैबुलेशन चार्ट भी उपलब्ध कराया गया जो विश्वविद्यालय के किसी अधिकारी या कर्मचारी द्वारा हस्ताक्षरित नहीं है। बीएड सत्र 2004-05 में एनसीटीई ने कुल 82 कॉलेजों को बीएड पाठ्यक्रम संचालित करने के लिए कुल 8150 छात्रों के प्रवेश के लिए मंजूरी दी थी जिसके सापेक्ष विश्वविद्यालय ने कॉलेजों को सत्र 2004-05 में बीएड कोर्स संचालित करने की संबद्धता दी थी। एसआइटी ने मामले की जांच कर रिपोर्ट शासन को सौंपी है। जांच रिपोर्ट में बताया गया है कि बीएड सत्र 2004-05 के टेबुलेशन चार्ट में 84 कॉलेजों के 12472 छात्रों का परिणाम अंकित है।
वहीं, संकलित अभिलेखीय साक्ष्यों के अनुसार बीएड सत्र 2004-05 में 82 कॉलेजों में कुल 8030 छात्रों ने ही प्रवेश लिया था। परीक्षा परिणाम में अंकित अलीगढ़ के केहरीमल गौतम स्मारक महाविद्यालय, नगला सरुआ और फीरोजाबाद के जयमूर्ति कॉलेज, नगला बाल, सिरसागंज को बीएड सत्र संचालित करने की संबद्धता नहीं थी, न ही इन कॉलेजों में बीएड कोर्स संचालित हुआ। इन कॉलेजों के नाम से उच्च प्राप्तांक की 147-147 फर्जी अंकतालिकाएं छात्रों को जारी करते हुए उनका समायोजन विश्वविद्यालय के टैबुलेशन चार्ट में कर दिया गया।
बीएड सत्र 2004-05 का परीक्षाफल बनाने वाली एजेंसी इंटीग्रेटेड साफ्टवेयर सिस्टम, महानगर, लखनऊ की ओर से दी गईं सूचनाओं के आधार पर उसके द्वारा नवंबर 2006 में अंबेडकर विश्वविद्यालय आगरा के बीएड सत्र 2004-05 के लिए 8930 छात्रों का परीक्षा परिणाम और उससे संबंधित टैबुलेशन चार्ट व सीडी आदि विश्वविद्यालय के अधिकृत व्यक्ति को उपलब्ध कराई गई।
पांच और छह जून 2016 को एसआइटी और विश्वविद्यालय के अधिकारियों की संयुक्त टीम ने अंबेडकर विश्वविद्यालय परिसर की तलाशी ली। तलाशी के दौरान बीएस सत्र 2004-05 की परीक्षा के प्रथम व पांचवें प्रश्नपत्र तथा प्रयोगात्मक परीक्षा की कुल 8899 छात्रों के अंकपर्ण (माकर््स फ्वाइल) बरामद हुई जिसमें दो मान्यताप्राप्त कॉलेजों के अंकपर्ण बरामद नहीं हुए।
बरामद अंकपर्र्ण के माध्यम से 8899 छात्रों के अंकों का टैबुलेशन चार्ट में अंकित अंकों से मिलान किया गया। मिलान करने पर 1053 छात्रों के अंकपत्रों में गलत तरीके से नंबर बढ़ाये गए थे। इन छात्रों की श्रेणी तृतीय व द्वितीय से बदल कर प्रथम श्रेणी कर दी गई। उन्हें 80 से 82 प्रतिशत तक उच्च प्राप्तांक तक दे दिए गए।
उपलब्ध अभिलेखों और साक्ष्यों के अनुसार अंबेडकर विश्वविद्यालय के बीएड सत्र 2005 के टैबुलेशन चार्ट में 3517 छात्रों का अधिक परीक्षा परिणाम अंकित कर दिया गया और 1053 छात्रों को टैम्पर्ड अंकतालिकाएं बांटी गईं। इस तरह कुल 4570 छात्रों को ïफर्जी अंकतालिकाएं वितरित कर उनका समायोजन विश्वविद्यालय के टैबुलेशन चार्ट में किया गया जो सेवायोजित हैं।