इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा सेवा चयन बोर्ड को उस याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने को कहा है जिसमें अंग्रेजी विषय के लिए सहायक अध्यापकों के पदों पर भर्ती के वास्ते लिए गए इंटरव्यू में ‘गंभीर विसंगतियों’ का आरोप लगाया गया है.
अदालत ने बोर्ड को अपने जवाबी हलफनामे में यह खुलासा करने का भी निर्देश दिया है कि ‘बोर्ड ने इंटरव्यू में अंक देने के लिए क्या मापदंड अपनाए थे.’ न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता की एकल न्यायधीश की पीठ ने शन्नो रानी की याचिका पर 30 मार्च को यह आदेश पारित किया. शन्नो रानी ने बोर्ड द्वारा पिछले साल सितंबर में घोषित चयन सूची को चुनौती दी थी.
याचिकाकर्ता ने दलील दी थी कि उसने ‘‘लिखित परीक्षा में बहुत अच्छे अंक हासिल किए थे, लेकिन उसे इंटरव्यू में केवल 22 अंक दिए गए’’, जबकि लिखित परीक्षाओं में उससे कम अंक पाने वाले कई उम्मीदवारों को ‘‘इंटरव्यू में अधिकतम संभव अंक दिए गए हैं.’’ इस याचिकाकर्ता के वकील द्वारा दी गई दलील में दम को देखते हुए अदालत ने इस मामले की अगली सुनवायी की तारीख 18 अप्रैल तय की और स्पष्ट किया कि ‘‘ जिस चयन प्रक्रिया को चुनौती दी गई है, यदि उसके आधार पर कोई नियुक्ति की गई है तो वह इस याचिका के निर्णय से प्रभावित होगी.’’