ट्रिपल तलाक के मुद्दे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रही बहस के बीच यूपी की एक मुस्लिम महिला ने पति को तलाक दे दिया। शुक्रवार को एक मुस्लिम महिला ने दहेज को लेकर शरीयत के मुताबिक अपने पति को तलाक दे दिया। महिला का आरोप है कि उसका पति और ससुराल वाले दहेज को लेकर उसे प्रताड़ित करते हैं। मुस्लिम महिला के मुताबिक पति दहेज नहीं मिलने के चलते उसे प्रताड़ित करता था और बेटी होने के चलते तंज कसता है | इसी चलते उसने अपने पति को तलाक दिया है। महिला की शादी 6 साल पहले हुई थी। जिसके बाद से पति और ससुरालवाले बदसलूकी करते थे। बेटी की जन्म के बाद बदसलूकी मारपीट में बदल गई।
पीड़िता ने एएनआई से बातचीत में कहा, “मेरे पति को मुझसे और मेरी बेटी से कोई लगाव नहीं था। न ही उसे हमारी चिंता है। मैं पति के द्वारा लगातार प्रताड़ित की जाती रही। महिला ने कहा कि जब पति के अत्याचार सहन की मेरी हिम्मत जवाब दे गई तो मैंने तलाक लेने का फैसला किया और शरीयत के मुताबिक पति को तलाक दे दिया। महिला ने कोर्ट से न्याय की गुहार लगाते हुए कहा कि उसकी और बेटी के लिए प्रतिपूरक व्यय प्रदान करने के लिए प्रावधान किए जाएं। साथ ही महिला ने कहा कि अपने साथ हुई ज्यादती के लिए पति और सुसरालवालों को सजा दिए जाने की भी गुहार लगाई।
निकाह या शादी के समय लागू होने वाले शरीयत के नियमों को स्पष्ट करते हुए एक मौलवी ने कहा कि अगर शादी के बाद कोई व्यक्ति अपनी पत्नी और बच्चे का भार उठाने में सक्षम नहीं है, तो पत्नी को उससे तलाक देने की इजाजत है। कानूनी पहलू को देखते हुए पीड़िता की वकील ने दहेज के नाम पर घरेलू हिंसा का आरोप लगाते हुए शिकायत दर्ज कराई है।
तीन तलाक मुस्लिम महिलाओं को दफनाने जैसा
बता दें कि तीन तलाक के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट की पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 11 मई को सुनवाई शुरू की। सुनवाई के दौरान शुक्रवार (12 मई) को पूर्व केंद्रीय मंत्री और वरिष्ठ अधिवक्ता आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि एक बार में तीन तलाक देना न केवल इस्लामी शरीयत के खिलाफ है और ये मुस्लिम महिलाओं को जिंदा दफनाने जैसा है। खान ने सर्वोच्च अदालत से कहा, “तीन तलाक से वो मुसलमान औरतों को जिंदा दफन कर देना चाहते हैं।”