लखनऊ: यूपी समेत हत्या, लूट और किडनैपिंग की घटनाओं को अंजाम देने वाले कुख्यात अपराधी जितेन्द्र सिंह उर्फ मुन्ना के गिरोह के 8 सक्रिय सदस्यों को एसटीएफ ने अरेस्ट किया। टीम ने जनपद इलाहाबाद से इनकी अरेस्टिंग की। पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि 10 हजार से लेकर 10 लाख तक की हत्या करने की सुपारी ले चुके है। इनके पास से 12 जिंदा कारतूस समेत 303 बोर असलह बरामद किए। पूर्वी यूपी में ज्यादा सक्रीय थे ये भाड़े के शूटर…
– एसएसपी एसटीएफ अमित पाठक ने बताया, पूर्वी यूपी के जनपदों में हत्या और लूट की घटनाओं को अंजाम देने वाले सुपारी किलर गिरोह के सक्रिय होने की जानकारी एसटीएफ को मिल रही थी।
– इनकी धरपकड़ के लिए एसटीएफ की अलग-अलग इकाईयों को लगाया गया था। इसी बीच एसटीएफ इलाहाबाद इकाई को सूचना मिली कि इस गिरोह के कुछ सदस्य नई घटना को अंजाम देने के उद्देश्य से भास्कर कॉलेज के आगे पेट्रोल पंप के पास जमा होने वाले हैं। सटीक सूचना मिलते ही घेराबंदी करके 8 लोगों को धर दबोचा।
इन 8 लोगों की हुई गिरफ्तारी
– पकड़े गए अभियुक्तों में अनूप शर्मा पुत्र गोपाल शर्मा निवासी सेंधवा थाना सेंधवा जनपद बड़वारी, मध्य प्रदेश।
– विष्णु कुशवाहा पुत्र ओम प्रकाश कुशवाहा निवासी सेंधवा थाना सेंधवा जनपद बड़वारी, मध्य प्रदेश।
– पंकज श्रीवास्तव पुत्र ओमप्रकाश श्रीवास्तव निवासी मिदुरा थाना जयसिंहपुर जनपद सुलतानपुर हाल पता ई-3/898 सेक्टर एच जानकीपुरम लखनऊ।
– दीपक कुमार मलिक पुत्र सुरेश कुमार मलिक निवासी नौरंगाबास जाटान थाना चरखी दादरी जनपद भिवानी हरियाणा।
– मनप्रीत सिंह उर्फ मोहित पुत्र ओमवीर सिंह निवासी मुरादपुर निजाम थाना हापुड़ जनपद हापुड़।
– सरताज अहमद पुत्र स्वर्गीय इमामुद्दीन निवासी कस्बा बरस्ता थाना चांदपुर जनपद बिजनौर।
– चरनजीत सिंह पुत्र सुरजीत सिंह उर्फ बाबाजी निवासी पप्पसरा बांगर थाना घनौरा मंडी जनपद अमरोहा।
– हरीश चन्द्र शर्मा पुत्र श्यामलाल शर्मा निवासी रावजी का मुहल्ला वार्ड नंबर 11 थाना नीमका जनपद सीकर राजस्थान बताया।
ये असलहा कारतुस 303 बोर बरामद
– इनके पास से 2 अदद पिस्टल .32 बोर, 01 रिवॉल्वर .38 बोर, 04 तमंचा 315 बोर, 01 तमंचा 303 बोर, 12 जिन्दा कारतूस 315 बोर, 5 जिन्दा कारतूस .32 बोर, 2 जिन्दा कारतूस .38 बोर, 2 जिन्दा कारतूस 303 बोर, 3 कार, 10 अदद मोबाइल फोन, 3 अदद पेन कार्ड, 3 आधार कार्ड, 2 अदद ड्राइविंग लाइसेंस, 01 अदद रजिस्टे्रशन, 02 अदद मतदाता पहचान पत्र, एक लाख रुपए की नगदी समेत अन्य दस्तावेज बरामद हुए।
ऐसे होता था मौत का सौदा
– आरोपी अनूप शर्मा ने पूछताछ में बताया, ”उसके परिवार की दुश्मनी माफिया संजय यादव निवासी सेंधवा थाना सेंधवा जनपद बड़वानी, मध्य प्रदेश से काफी समय से चली आ रही है।”
– इसी दुश्मनी के चलते उसके चचेरे भाई नितिन जोशी की हत्या संजय यादव ने करा दी थी।
– मृतक के सगे भाई गोपाल ने हत्या का बदला लेने के लिए माफिया संजय के दोस्त और करीबी वकील संजय झावर की हत्या कर दी थी। इसकी सजा गोपाल इंदौर की जेल में काट रहा है।
– उसने जेल में अपने भाई की हत्या का बदला लेने के लिए प्लानिंग शुरू कर दी। जेल के निरुद्ध अपराधी शाहनवाज की मदद से वो मऊ जेल के निरुद्ध जावेद के सम्पर्क में आया।
– इसके बाद जावेद ने घटना को अंजाम दिलाने के लिए उसे बिजनौर जेल में निरुद्ध कुख्यात अपराधी जितेन्द्र प्रताप सिंह से मोबाइल के जरिए बात कराई।
– संजय की हत्या के लिए एक करोड़ की सुपारी का दिया जाना तय हुआ। लेकिन निजी सुरक्षा को देखकर हत्या को अंजाम नहीं दिया जा सका।
– इसके बाद जावेद ने अपने सहयोगी मदन यादव और संदीप निगम के जरिए एके-47 की व्यवस्था 3:30 लाख रुपए में और कार्बाइन 1 लाख 20 हजार रुपए में दिलाने की बात की।
– 16 सितंबर 2017 को विष्णु कुशवाहा और हरिश्चन्द्र शर्मा को साथ लेकर गाड़ी से जितेन्द्र सिंह से मिलने के लिए बिजनौर जेल पहुंचे।
– शनिवार होने के कारण जेल में मुलाकात न हो पाने पर जितेन्द्र सिंह ने जेलर से बात करके अपने करीबी जेल के दो सिपाहियों के सहयोग से मुलाकात कराई।
– योजना के अनुसार जेल में ही जितेन्द्र ने बताया कि 4 हत्यारे दीपक कुमार, मनप्रीत उर्फ मोहित, सरताज व चरनजीत कांस्टेबल ओम बाबू उर्फ अनुज के जरिए कहीं रूके हुए हैं।
– जेल से बाहर निकलने पर पंकज श्रीवास्तव उनसे मुलाकात कराएगा, जिन्हें लेकर मध्य प्रदेश जाना है। इसके अलावा उसने यह भी बताया था कि कुछ पैसा बैंक से निकालकर 1 लाख रुपए एक आरक्षी को और दूसरे आरक्षी को 10 हजार रुपए, दीपक व मनप्रीत को 50 हजार रुपए देकर इलाहाबाद चले जाना। इलाहाबाद में जावेद अपने आदमी से असलहे व कारतूस भेजेगा।
– इसके बाद उन्होने जितेन्द्र द्वारा बताए लोगों को पैसा दिया और पंकज श्रीवास्तव, सरताज, दीपक, मनप्रीत, चरनजीत, विष्णु कुशवाहा व हरिश्चन्द्र के साथ हुंडई आई-10 व एक्सयूवी-500 गाडिय़ों से इलाहाबाद के लिए चले।
– इलाहाबाद पहुंचकर जावेद से सम्पर्क करने पर उसके द्वारा बताया गया कि छोटा असलहा व कारतूस संदीप निगम देगा तथा एके-47 और कार्बाइन 1 सप्ताह बाद संदीप निगम के माध्यम से बड़वानी मध्य प्रदेश भिजवा देगा क्योकि जिस व्यक्ति से एके-47 और कार्बाइन मिलनी है, वह उत्तराखंड गया हुआ है।