Thursday, December 26, 2024
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योगी आदित्यनाथ के आशियाने पर खरीदारों ने किया खुलासा, गोरखधंधे में पिछली सरकार के अफसरों ने लूटा पिछली सरकार ने

SI News Today

नोएडा, ग्रेटर नोएडा और ग्रेटर नोएडा वेस्ट (नोएडा एक्सटेंशन) के फ्लैट खरीदारों ने गुरुवार को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर अपनी व्यथा बताई। खरीदारों ने मुख्यमंत्री को बताया कि कैसे उन्हें लूटा गया है और लूट के इस गोरखधंधे में कैसे पिछली सरकार के अफसर भी शामिल रहे हैं। नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट आॅनर्स वेलफेयर एसोसिएशन (नेफोवा) के अलावा कुछ अन्य संगठन भी मुलाकात के दौरान मौजूद थे। योगी ने खरीदारों की शिकायतों का जल्द निस्तारण करने का आश्वासन दिया है। साथ ही प्राधिकरण स्तर पर फ्लैट खरीदार शिकायत निवारण प्रकोष्ठ (ग्रीवेंस सेल) बनाने के निर्देश दिए। जहां फ्लैट खरीदार अपनी शिकायतें दर्ज करा सकेंगे। शिकायतों का निस्तारण भी तय समय में होगा। शिकायत के तय समय में निस्तारित नहीं होने पर संबंधित अधिकारी की जवाबदेही तय होगी। मुलाकात के दौरान औद्योगिक विकास मंत्री सतीश महाना, नोएडा विधायक पंकज सिंह, नोएडा चेयरमैन एवं औद्योगिक विकास सचिव आलोक सिन्हा और नोएडा- ग्रेटर नोएडा के सीईओ भी मौजूद थे।
समस्याओं को सुनने के बाद सतीश महाना ने प्राथमिकता के आधार निस्तारित करने की बात कही। मुख्यमंत्री ने भी मौजूद अधिकारियों को फ्लैट खरीदारों की समस्याओं का जल्द निदान करने के निर्देश दिए। हालांकि उन्होंने बिल्डरों से भी बातचीत करने की बात कही है। साथ ही स्पष्ट किया यदि फ्लैट खरीदारों की दिक्कतों या मांगों को बिल्डर नहीं सुनेंगे, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि खरीदारों से जुड़ी काफी दिक्कतों की जानकारी मुख्यमंत्री को पहले से ही थी। योगी ने निवेशकों की बात नियमित रूप से सुनने और बिल्डर स्तर पर दूर करने को जरूरी बताया।
बिल्डरों को किस्तों में लीज रेंट जमा कराने की मिल सकती है छूट?
फ्लैट खरीदारों को राहत देने के लिए प्राधिकरण एक नई योजना लागू करने की तैयारी में हैं। इसके तहत बिल्डरों को लीज रेंट को किस्तों में जमा कराने की छूट मिल सकती है। ऐसा होने पर बिल्डर और खरीदार, दोनों को फायदा होगा। इससे बिल्डर पर बकाया राशि का बोझ कम पड़ेगा। साथ ही जितने फ्लैटों की लीज रेंट जमा हो जाएगी, प्राधिकरण उनके कंप्लीशन प्रमाणपत्र जारी कर सकेगा। इससे फ्लैट खरीदारों को जल्द कब्जा मिलना संभव हो सकेगा। प्राधिकरण सूत्रों के मुताबिक बिल्डरों पर प्राधिकरण का करोड़ों रुपए बकाया है। बकाया रकम ज्यादा होने के चलते बिल्डर कंपनियां कंप्लीशन प्रमाणपत्र के लिए जरूरी लीज रेंट जमा नहीं करा पाते हैं। कंप्लीशन प्रमाणपत्र नहीं मिलने पर खरीदारों को फ्लैटों का कब्जा देना संभव नहीं है। बताया गया है कि प्राधिकरण के ग्रुप हाउसिंग विभाग के नियमों के तहत लीज रेंट हर साल लिया जाता है। जबकि बिल्डर कंपनियों को लीज रेंट वन टाइम (एक मुश्त) जमा कराना पड़ता है।
पुराने खरीदारों पर डाला जा रहा है मुआवजे और ब्याज का बोझ
मुख्यमंत्री के साथ मुलाकात के दौरान नोएडा एक्सटेंशन फ्लैट आॅनर्स मैन एसोसिएशन (नेफोमा) पदाधिकारियों ने बताया कि खरीदार पिछले 6 सालों से बिल्डर और प्राधिकरण के चक्कर काट रहे हैं। लेकिन उन्हें अभी तक फ्लैट नहीं मिले हैं। ऐसे कुछ बिल्डर, जिन्होंने फ्लैट का कब्जा दे दिया है, वह अब खरीदारों से अतिरिक्त शुल्क वसूल रहे हैं। प्राधिकरण अधिकारी ऐसे मामलों में खरीदारों के बजाए बिल्डर का साथ दे रही हैं। नेफोमा की तरफ से सौंपे गए ज्ञापन में बताया कि अक्तूबर, 2011 में इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश के बाद बिल्डरों ने दावा किया था कि वे पुराने खरीदारों पर बढ़े हुए मुआवजे और ब्याज का बोझ नहीं डालेंगे। जबकि सभी बिल्डर अपने वादे से मुकर गए हैं।

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