featuredउत्तर प्रदेशलखनऊ

योगी आदित्यनाथ: UP में वही कर रहा हूं जो बतौर संन्यासी करना चाहता हूं…

लखनऊ: यूपी में योगी आदित्यनाथ सरकार के बुधवार को छह महीने पूरे हो गए। बीते 6 महीने में पुलिस 400 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुकी है। अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई, एंटी रोमियो स्क्वॉड और गोरखपुर में बच्चों की मौत जैसे विवाद भी उठे। योगी के मठ से निकलकर सीएम हाउस पहुंचने के छह महीने में क्या बदला, इस पर भास्कर ने उनसे बातचीत की। Q&A में पढ़ें योगी का इंटरव्यू…

Q. अजय सिंह से योगी बनने के बाद अब सीएम के रूप को किस तरह देखते हैं?
A.”मैं योगी के रूप में, सांसद के रूप में और सीएम के रूप में वही कर रहा हूं, जो एक संन्यासी के रूप में करना चाहता हूं। मकसद लोक कल्याण है।”

Q. आप मुख्यमंत्री बने तो लोगों ने सोचा कि यूपी को ट्रेनी सीएम मिला है।
A.”लोकतांत्रिक व्यवस्था लीडरशिप से चलती है। मेरी टीम देख रही है कि मैं 18 घंटे काम कर रहा हूं तो टीम भी करेगी। क्या कोई अधिकारी या मंत्री बैठक से उठकर जाने की हिम्मत करेगा? उन्हें पता है कि निर्देश लागू ही नहीं करने, बल्कि रिजल्ट भी देने हैं। हर हफ्ते फीडबैक लेता हूं। पांच साल में यूपी देश का उभरता हुआ प्रदेश होगा।”

Q. चर्चा है कि यूपी में किसानों के मामूली कर्ज माफ हुए। क्या कोई चूक हुई है?
A. ”चूक नहीं, यह वास्तविकता है कि एक रुपए जिसका माफ हुआ और जिसका एक लाख माफ हुआ, वह भी किसान है। यूपी के किसान इतने स्वावलंबी हैं कि अपने कर्जे खुद चुकता किए। ऐसे कुछ हजार किसान हैं, जिन्हें हम सम्मानित करेंगे।”

Q. गोरखपुर में बच्चों की मौत पर आपके सख्त प्रशासक होने का संदेश नहीं गया।
A. ”ऑक्सीजन के बिना एक भी मौत नहीं हुई। सिर्फ सनसनी फैलाई गई। इससे सरकारी अस्पताल में गरीबों को मिल रही सेवा से भरोसा टूटा। गरीब प्राइवेट के पास जाने को मजबूर हो रहा है। यह जघन्य पाप है।”

Q. ब्यूरोक्रेसी पर बहुत बातें हो रही हैं। क्या अफसर ठीक से काम कर रहे हैं?
A.”15 वर्षों के राजनीतिक नेतृत्व ने ब्यूरोक्रेसी की निर्णय लेने की क्षमता खत्म कर दी। इंडिविजुअल के फायदे के लिए इसे नष्ट किया गया। अच्छा काम करने वालों को अपमानित और दंडित किया जाता था।”

Leave a Reply

Exit mobile version