उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने शिया वक्फ बोर्ड के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 9 सदस्यों को बोर्ड में उनके पद से हटा दिया गया है। इसके साथ ही सूत्रों से पता चला है कि सपा सरकार में मंत्री रह चुके आज़म खान और उनकी पत्नी पर भी सीबीआई जांच हो सकती है। आज़म खान और उनकी पत्नी पर बोर्ड में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई जौहर विश्वविद्यालय में बोर्ड की जमीन की रजिस्ट्री कराने और अन्य एक मामले पर आज़म खान और उनकी पत्नी से पूछताछ कर सकती है। वहीं बोर्ड से हटाए गए सदस्यों में पूर्व राज्यसभा सांसद अख्तर हसन रिज़वी, आलिमा जैदी, सैयद आज़ीम हुसैन, विशेष सचिव नजमुल हसन रिज़वी, अफशा ज़ैदी और सैयद वली हैदर का नाम शामिल है।
इन सभी लोगों को 2015 में पूर्व की सपा सरकार द्वारा चुना गया था। इस पर बात करते हुए अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री ने कहा कि काफी समय से बोर्ड में भ्रष्टाचार होने की शिकायते मिल रही थीं। उन्होंने बताया कि बोर्ड के केवल सदस्यों पर ही नहीं बल्कि इसके चेयरमैन पर भी भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि जो लोग मोहसिन रजा पर आरोप लगा रहे हैं बेबुनियाद है। रजा बहुत ही ईमानदारी से अपना काम करते हैं। वहीं इस पर बोर्ड के चेयरमैन ने कहा कि अगर योगी सरकार शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड को भंग करती है तो यह असंवैधानिक है। इसके खिलाफ हम कोर्ट में जाएंगे और न्याय की गुहार लगाएंगे।
आपको बता दें कि भ्रष्टाचार के तमाम आरोपों से घिरे उत्तर प्रदेश के शिया और सुन्नी वक्फ बोर्ड जल्द ही भंग किये जाएंगे। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंजूरी मिलने के बाद इसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गयी है। प्रदेश के वक्फ राज्यमंत्री मोहसिन रजा ने कहा, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दोनों वक्फ बोर्ड भंग करने की मंजूरी दे दी है। बहुत जल्द दोनों बोर्ड भंग कर दिये जाएंगे। उन्होंने बताया कि तमाम कानूनी पहलुओं पर गौर करने के बाद दोनों बोर्ड भंग करने की प्रक्रिया शुरू की जा चुकी है। मालूम हो कि प्रदेश के शिया वक्फ बोर्ड और सुन्नी वक्फ बोर्ड में वक्फ सम्पत्तियों की बंदरबांट के गम्भीर आरोप लगे हैं। वक्फ काउंसिल ऑफ इण्डिया द्वारा हाल ही में इन आरोपों की जांच में भी विभिन्न अनियमितताएं पायी गयी थीं। शिया वक्फ बोर्ड पर लगे आरोपों की जांच में बोर्ड के मौजूदा अध्यक्ष वसीम रिजवी की भूमिका संदिग्ध मानी गयी थी।