उत्तर प्रदेश के बरेली में एक अलग ही मामला देखने को मिला है जहां पर पुलिस द्वारा एक चोर को जेल भेजा जा रहा था तो वह फूट-फूटकर रोने लगा, जिसके बाद थाने के सिपाही ने चोर को गीता का उपदेश दे डाला। हिन्दुस्तान के अनुसार ट्रेनों में होती चोरियों के मद्देनजर जीआरपी ने इन चोरों को पकड़ने के लिए टीमों का गठन कर एक अभियान चलाया है। इस अभियान के तहत पुलिस ने इन चोरों के बारे में जानकारी देने के लिए कई मुखबिरों को काम पर लगा रखा था। एक मुखबिर ने बरेली जंक्शन जीआरपी पुलिस को मोहल्ला अहमदनगर निवासी हैदल अली नामक एक चोर के बारे में सूचित किया। मुखबिर की निशानदेही पर पुलिस ने अली को गिरफ्तार कर लिया।
पुलिस ने अली के पास से एक पीली धातु समेत कुछ रुपए और एक चाकू बरामद हुआ। पुलिस जब अली को जेल भेजने लगी तो वह अपनी बेटी को याद करते हुए फूट-फूटकर रोने लगा, जिसके बाद थाने के एक सिपाही ने उसे गीता का उपदेश सुना दिया। सिपाही ने अली से कहा कि हमारी धार्मिक किताब भगवत् गीता में लिखा है, जो जैसा बोता है, वो वैसा ही काटता है यानि कि इंसान जैसे कर्म करेगा उसे भविष्य में उसका वैसा ही फल मिलेगा। इसके बाद सिपाही ने अली से कहा कि तुम्हारी चोरियों का फल तुम्हें जेल के रूप में दिया गया है।
इस बारे में जब अली से बात की गई तो उसने कहा कि छह साल पहले वह ट्रेनों में चोरी की वारदातों को अंजाम देता था। जब उसकी शादी हो गई तो उसने चोरी करना छोड़ दिया और मेहनत मजदूरी कर अपना और अपने परिवार का पालन पोषण कर रहा था। अब अली की एक बेटी है और जेल जाने के बाद उसकी बेटी और बीवी का ध्यान रखने वाला कोई नहीं इसलिए वह जेल भेजे जाने पर रोने लगा। अली ने कहा कि जब ट्रेन में चोरियां किया करते थे तब तो कभी पुलिस ने हमें गिरफ्तार नहीं किया लेकिन अब जब हम ये काम छोड़ चुके हैं तो पुलिस ने पकड़ लिया।
इसके साथ ही अली ने बताया कि उन्हें ट्रेन में चोरी के दौरान ऐसे कई पदार्थ हाथ लगते थे जिनकी कीमत लाखों में होती थी। एक बार का किस्सा बताते हुए अली ने बताया कि एक बार उसने ट्रेन में एक महिला के बैग की चोरी की थी। उसे महिला के बैग से कुछ पैसे और कुछ पैकेट मिले जिसमें सफेद पाउडर था। अली इससे अंजान था कि वह चरस है और उसने एक पैकेट अपने पास रखकर अन्य पैकेट पानी में फेंक दिए। उसने जो पैकेट अपने पास रखा था वह उसने किसी को दिखाया तब उसे पता चला कि वह चरस था जिसकी कीमता लाखों रुपए की थी।