Thursday, September 19, 2024
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370 रुपये की लूट के मामले में कोर्ट ने दिया फैसला

SI News Today

बरेली में एक कोर्ट ने 370 रुपये की चोरी के 29 साल पुराने मामले में अपना फैसला दे दिया है। कोर्ट ने इस मामले में दो लोगों को पांच साल की सजा सुनाई है। 1988 में हुई एक चोरी के मामले का फैसला 2017 में सामने आया है। कोर्ट ने दोनों पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। वहीं मामले से जुड़े तीसरे आरोपी की मृत्यु 2004 में हो गई थी। 21 अक्टूबर 1988 को वाजिद हुसैन ट्रेन से शाहजहानपुर से पंजाब जा रहा था। तभी चंद्रपाल, कन्हैया लाल और सर्वेष ने उन्हें चाय पिलाने का ऑफर कर उन्हें कोई नशीला पदार्थ दे दिया और फिर बेहोशी की हालत में उनसे पैसे (370 रुपये) लूट लिए। इस वारदात के बाद चंद्रपाल 16 साल तक गायब रहा। आईपीसी की धारा 379, 328 और 411 के तहत यह मामला दर्ज किया गया था।

यह केस इतना लंबा चला कि मामले में दोषी पाए गए दोनों लोगों के बच्चे भी जवान हो गए। मामला उत्तर प्रदेश के हर्दोई इलाके का था। दोषी ठहराए गए दोनों लोगों की उम्र अब 60 साल से ज्यादा की हो गई है। गौरतलब है देश में इतने लंबे समय तक ट्रायल चलने का यह पहला मामला नहीं हैं। ऐसे कई मामले सामने आ चुके हैं जब कोर्ट ने कई सालों के ट्रायल के बाद आरोपियों को सजा सुनाई हो या फिर उन्हें बरी किया हो। मई 2017 में साल 2000 में साबरमती एक्सप्रेस ब्लास्ट मामले में गिरफ्तार किए गए गुलजार अहमद वानी को बरी कर दिया गया था। बाराबंकी कोर्ट ने वानी को 16 सालों की जेल के बाद बरी किया था। 14 अगस्त 2000 में साबरमती एक्सप्रेस में हुए ब्लास्ट में 9 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में पुलिस ने अलिगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से अरबी भाषा में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे गुलजार अहमद वानी को गिरफ्तार किया था।

ऐसे ही 2014 में चांद खान उर्फ शान खान को 2002 में हुए अक्षरधाम मंदिर हमले मामले में 11 साल जेल काटी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में उन्हें पांच अन्य लोगों समेत मामले से बरी किया था। ठीक इसी तरह मोहम्मद हुसैन फाजिली को 2005 में दिल्ली के सीरियल ब्लास्ट से जुड़े होने के मामले में करीब 12 साल जेल में रहना पड़ा था।

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