यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ प्रदेश में कानून व्यवस्था को सुधारने के लिए लगातार काम कर रहे हैं। सरकारी तंत्र और अधिकारी कानून व्यवस्था सुधारने के लिए सही तरीके से काम कर रहे हैं या नहीं इसपर उनकी पूरी नजर है। सीएम ने अफसरों को निर्देश जारी किया है कि वह सुबह 9 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक कभी भी लैंडलाइन पर फोन कर सकते हैं। अगर अधिकारी सीएम का फोन नहीं उठा पाते हैं तो उन्हें यह साबित करना होगा कि वह फोन क्यों नहीं उठा पाए। अगर फील्ड में थे तो बताना होगा कि कहां और किसलिए गए थे। अगर साबित नहीं कर पाते हैं तो कार्रवाई की जा सकती है।
सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर यह आदेश यूपी सरकार के वरिष्ठ मंत्री श्रीकांत शर्मा ने जारी किया है। सीनियर पुलिस अधिकारियों का कहना है कि इस नियम का पालन करना उनके लिए थोड़ा मुश्किल होगा क्योंकि वह या तो फील्ड में होते हैं या अपने जूनियरों कि निगरानी में लगे होते हैं। मुख्यमंत्री की कहना है कि जब बड़े अधिकारी इसका पालन करेंगे तो जूनियर खुद पालन करने लगेंगे। सभी सीनियर अधिकारियों से कहा गया है कि वह घर में बने अपने ऑफिसों को तुरंत बंद करे दें।
गौरतलब है कि यूपी के नए मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ सीएम की कुर्सी संभालते ही एक्शन मोड में आ गए थे। एक हफ्ते के अंदर योगी ने 50 से ज्यादा प्रशासनिक फैसले लिए थे। इसके साथ ही ब्यूरोक्रेसी (प्रशासन) और पार्टी कार्यकर्ताओं को भी कड़ा संदेश दिया। योगी ने अपने गोरखपुर दौरे के दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि अगले दो साल बिना थके काम करना है। जो लोग 18-20 घंटे तक काम कर सकते हैं वे उनसें जुड़ सकते हैं, बाकी बचे लोग जा सकते हैं। मौज-मस्ती के लिए समय नहीं है। सीएम ने कहा था कि अगले दो महीने में साफ हो जाएगा कि एक राज्य सरकार कैसे काम करती है। कचरा साफ करने का मौका मिला है। अवैध बूचड़खानों को बंद किए जाने, महिलाओं से छेड़छाड़ को रोकने के लिए एंटी रोमियो स्क्वैड, सरकारी कर्मचारियों का ऑफिस पहुंचने के लिए समय निश्चित करने जैसे फैसले को लेकर योगी आदित्यनाथ इन दिनों चर्चा में हैं।