यूपी में कक्षा 6, 9 और 11वीं में दाखिले में आधार (Aadhaar) अनिवार्य कर दिया गया है. इसका उद्देश्य यूपी बोर्ड परीक्षा में बड़े पैमाने पर नकल और फर्जी परीक्षार्थियों को रोकना है. डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा के निर्देश के बाद इसे माध्यमिक शिक्षा परिषद के सभी स्कूलों में लागू किया गया है. उन्होंने कहा कि आधार के कारण ही इस बार यूपी बोर्ड की परीक्षा में बड़े पैमाने पर फर्जी परीक्षार्थियों को रोकने में हम सफल रहे. ‘अमर उजाला’ ने यूपी सरकार के विशेष सचिव एस. राजलिंगम के हवाले से कहा कि एकेडमिक ईयर दो अप्रैल से शुरू हो गया है। कक्षा एक से आठ तक में पढ़ने वाले छह से 14 साल के बच्चों का आधार कार्ड होना जरूरी है। नए छात्रों के लिए भी यह आवश्यक है। सरकार ने स्कूलों को सभी छात्रों का आधार बनवाने के लिए 30 जून तक का समय दिया है.
आधार का ऑफलाइन भी हो सकेगा वेरिफिकेशन
आधार डाटा को सुरक्षित करने के लिए यूआईडीएआई (UIDAI) ने अब नया क्यूआर कोड (QR code) बनाया है. दावा है कि इससे आधार का डाटा सुरक्षित रहेगा. इस पूरी प्रक्रिया में आधार नंबर जाहिर नहीं होगा. नया क्यूआर कोड जो अब फोटो के साथ आता है, का उपयोग ऑफलाइन मोड में किया जा सकता है. इससे व्यक्तिगत डाटा की हैकिंग नहीं हो पाएगी. अब 12 अंक वाले आइडेंटीफिकेशन नंबर को छिपाकर अपनी पहचान बताई जा सकेगी यानि केवल गैर-संवेदनशील विवरण जैसे नाम, पता, फोटो व जन्म की तारीख बतानी होगी. ‘एनडीटीवी’ की खबर के मुताबिक संस्था के मुख्य कार्यकारी अजय भूषण ने कहा कि ऑफलाइन क्यूआर कोड हर किसी को ऑफलाइन वेरिफिकेशन के जरिए बगैर आधार नंबर के ही अपनी पहचान स्थापित करने की अनुमति देगा.
यूआईडीएआई साइट से डाउनलोड कर सकते हैं नया आधार कार्ड
‘बैंकों, टेलीकॉम कंपनियों या फिर सब्सिडी का लाभ उठाने में कानून के तहत जहां आधार नंबर आवश्यक है वहां ऑथेंटिकेशन प्रक्रिया से गुजरना होगा. इन नए आधार कार्ड को यूआईडीएआई की वेबसाइट या इसके मोबाइल एप से डाउनलोड किया जा सकता है. यूजर्स आधार नंबर को काले रंग से छिपा सकते हैं और नए क्यूआर कोड के साथ प्रिंटआउट का इस्तेमाल कर सकते हैं. क्यूआर कोड एक बारकोड लेबल होता है कि जिसमें छिपी सूचनाएं मशीन पढ़ सकती है. कार्डधारक विभिन्न जगहों पर सत्यापन के लिए बगैर अपनी आधार संख्या बताए केवल इस बारकोड का इस्तेमाल कर सकता है.
बैंक खाते से आधार लिंक करना अनिवार्य हुआ
रिजर्व बैंक ने बैंक खाते से आधार को लिंक कराना जरूरी कर दिया है. आरबीआई का यह आदेश उस समय आया है जब आधार को लिंक करने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है. हालांकि बैंकिंग नियामक ने साफ किया कि शीर्ष अदालत का फैसला आने के बाद ही इसे पूरी तरह लागू किया जाएगा. लेकिन जब तक सुप्रीम कोर्ट का फैसला नहीं आता तब तक इस गाइडलाइन का ही पालन करना होगा. आरबीआई ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की तरफ से जून 2017 में पीएमएलए कानून में संशोधन किया गया था. इस संशोधन के आधार पर सभी खातों के लिए ‘आधार’ जरूरी किया गया था. आपको बता दें कि मार्च में ही सुप्रीम कोर्ट ने आधार को सभी बैंक अकाउंट, इनकम टैक्स रिटर्न और मोबाइल नंबर को 31 मार्च तक लिंक करने के केंद्र सरकार के फैसले को बढ़ा दिया था.