Another child dies due to dogs attack: Sitapur
UTTAR PRADESH
उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में रविवार को आवारा कुत्तों के एक झुंड ने 10 साल की एक बच्ची को मार डाला. ताजा हादसा खैराबाद के महेशपुर गांव में हुआ. मरने वाली बच्ची की पहचान रीना के रूप में की गई है. कुत्तों के हमले में पिछले छह महीने में अबतक 13 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें से सात लोग इसी महीने मारे गए हैं. उधर, गुस्साए लोगों ने स्थानीय प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की और यातायात जाम किया.
एसडीएम विनय कुमार पाठक ने बताया कि बच्ची के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. उन्होंने बताया कि गुस्साए लोगों को न्याय का भरोसा दिलाते हुए शांत किया और यातायात जाम खुलवाया. स्थानीय लोगों के अलावा विपक्षी दलों ने योगी सरकार को असंवेदनशील करार देते हुए मामले की अनेदखी करने का आरोप लगाया है.
पुलिस अधीक्षक आनंद कुलकर्णी ने बताया कि 10 साल की एक बच्ची रीना पर कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया जिससे उसकी मौत हो गई. उन्होंने बताया कि प्रशासन इस मामले को गंभीरता से लेते हुये काम कर रहा है जिससे ऐसे हमलावर कुत्तों की संख्या में कमी आई है.
जिलाधिकारी शीतल वर्मा ने बताया कि नवंबर 2017 से अब तक कुत्तों के हमले से 13 बच्चों की मौत हो चुकी है. जिसमें से 10 बच्चों की मौत खैराबाद पुलिस स्टेशन इलाके में हुई जबकि तीन अन्य मौत इमलिया सुल्तानपुर, कोतवाली सुल्तानपुर और तालगांव इलाकों में हुई है.
कुत्तों से बच्चों के लगातार मारे जाने की घटनाओं के बाद विपक्ष ने योगी आदित्यनाथ सरकार पर सवाल उठाते हुए आरोप लगाया है कि वह इस गंभीर मसले को नजरअंदाज कर रहे हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता अशोक सिंह ने कहा कि बच्चों पर कुत्तों के हमले लगातार बढ़ रहे हैं. इससे राज्य सरकार की कार्यशैली पर सवालिया निशान लगा है. कुत्तों के हमले रोकने के लिए इंतजाम करने का दावा किया था. समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता सुनील सिंह साजन ने कहा कि प्रदेश सरकार के लिये इससे ज्यादा शर्मनाक क्या हो सकता है कि कुत्ते बच्चों को अपना शिकार बना रहे हैं. ऐसा लगता है कि प्रदेश में जंगल राज आ गया है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री शुक्रवार को सीतापुर गए थे और उन्होंने कुत्तों के काटने से मारे गए बच्चों के परिजनो से मुलाकत की थी. उन्होंने पीड़ित बच्चों के परिजनो को 2-2 लाख रुपये की सहायता तथा घायल बच्चों के इलाज के लिए 25 हजार रुपये की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की थी.
मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन को प्रभावित थाना क्षेत्र एवं समीपवर्ती गांवों में प्रधान कोटेदार/लेखपाल/कांस्टेबल तथा अन्य ग्रामवासियों की टीम गठित कर खूंखार कुत्तों से बच्चों की निगरानी व उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने का निर्देश दिया था.