Banana crops fell due to stormwater, farmers devastated.
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फतेहपूर।डीजल के दामो मे वृद्धी से किसानो पर भले कोई असर न पड हो किन्तु बीती रात हुई बारिश के बीच आई आधी ने किसानो को तबाह कर दिया है।मेहनत से पकने को तैयार केला की फसल गिरने से किसानो की लागत के साथ मेहनत भी डूब गई है। मलवा विकास खंड के मवईया गाव मे किसान केला की खेती बड़ी संख्या मे करते है।यहा का केला अन्य प्रांतो मे बिकने को जाता है।रविवार रात हुई तेज बारिश के बीच आई आधी पानी ने किसानो की फसल को चौपट कर दिया।किसानो की उम्मीदो मे पानी फिर गया।खेतो मे तैयार केला की लगभग तीस बीघा फसल जमीन मे गिर गई।केला के पेड मे लगे फल जमीन मे धर गये।किसानो ने बताया अठारह माह मे तैयार केला की फसल एक महीने बाद बाजार मे जाने को तैयार थी जो अब बर्बाद हो गई।
एक बीघा मे पचीस हजार की लागत आती है जिससे एक लाख तक की आमदनी होती है।केला लम्बी अवधि की फसल है।केला का एक पौधा 16से 18रुपए की कीमत का मिलता है।खास बात है की यहा का केला खेतो से ही बिक जाता है।व्यापारी खेतो से ही केला खरीद ले जाते है।खासतौर पर गाव को केला की खेती के लिये जाना भी जाता है।किसानो ने बताया कई बीघा फसल झुक गई है जिसमे अब बौर भी आयेगी तो केला मे गूदा नही भरेगा।अब इन खेतो मे दूसरी फसल भी नही की जा सकती है। गाव के प्रगतीशील किसान हरिकृष्ण अवस्थी सहित इंद्रराज,लाल सिंह यादव,भोला कुशवाहा,रहोला कुशवाहा,मनोज सिंह,अकबाल सिंह,रामसनेही,सरजू,अनुज श्रीवास्तव आदि की फसल का ज्यादा नुकसान हुआ है।फसल वही गिरि है जो फलो ने लदी हुई थी।हवा मे फल के बोझ से लदी फसल नीचे से टूटकर गिर गई है।
किसानो को मिले मुवायजा-
मवईया मे आधी पानी से गिरि केला कि फसल को देखने पहुचे युवा विकास समिति के जिला प्रवक्ता आलोक गौड़ ने माग किया है की किसानो को प्राकृतिक आपदा से बर्बाद फसल का मुवायजा दिया जाये।इस बीच शिवशंकर सिंह परिहार,भोला,हरि अवस्थी ने भी किसानो के दर्द को जाना।जिला कृषि उद्यान अधिकारी की फोन कर फसल बर्बादी की जानकारी दी गई।