Dariya model of Ukraine from Gorakhpur Prison released!
फर्जी पासपोर्ट के जरिये नेपाल के रास्ते दिल्ली पहुंची यूक्रेन की मॉडल डारिया मोलचन शुक्रवार (8 जून) को गोरखपुर जेल से रिहा हो गईं. उन्हें गोरखपुर से ही पुलिस की निगरानी में दिल्ली स्थित यूक्रेन के दूतावास भेज दिया गया. डारिया मोलचन को गोरखपुर से जमानत पर ले जाने के लिए कोलकाता से दो व्यापारी चंदारी रावत और आदर्श गुरुवार (7 जून) को ही चार्टर प्लेन गोरखपुर पहुंच गए थे. पहले दोनों व्यापारी डारिया को चार्टर प्लेन से ही कोलकाता ले जाने की योजना बनाए हुए थे. लेकिन बाद में पुलिस ने अपनी निगरानी में डारिया को दिल्ली भेज दिया. वहां उन्हें यूक्रेन के दूतावास के लिए भेजा जाएगा.
बता दें कि दो अप्रैल को एसटीएफ ने डारिया मोलचन को पकड़ा था. यूक्रेन की मॉडल डारिया मोलचन के कई पुलिस अधिकारियों और व्यवसायियों से संबंध होने की बात भी सामने आई थी. माना जा रहा था कि डारिया का प्रयोग हनी ट्रैप में किया जा रहा था. यूक्रेन की मॉडल डारिया की जमानत हाईकोर्ट से मिलने के बाद सबसे पहले गोरखपुर के बड़हलगंज के दो जमानतकर्ताओं ने जमानत ली. फिर उन्होंने दो दिन बाद जमानत लेने से इंकार कर दिया था. इसके बाद कानपुर के दो व्यापारियों ने जमानतदार बनने की पेशकश की थी. हालांकि दो दिनों की जांच के बाद उन दोनों ने भी जमानत लेने से इंकार कर दिया था. इसके बाद डारिया की जमानत लेने के लिए कोलकाता के दो व्यापारी सामने आए. दोनों व्यापारी कोलकाता से प्राइवेट प्लेन से 5 दिन पहले गोरखपुर आए थे. इस दौरान उन्होंने अपने कागज जमा किए थे और वापस चले गए थे.
कागजी प्रक्रिया पूरी होने के बाद 7 जून को दोनों व्यापारी एक बार फिर वह अपने प्राइवेट प्लेन से गोरखपुर आए. दोनों ने डारिया की जमानत ली और शुक्रवार को 01:30 बजे के करीब डारिया को गोरखपुर जेल से रिहा किया गया. यूक्रेन निवासी डारिया मोलचन को एसटीएफ ने दो अप्रैल को पार्क रोड से गिरफ्तार किया था. डारिया के पास से दो पासपोर्ट, मरिना अमन मेहता के नाम से बना फर्जी ड्राइविंग लाइसेंस, दो मोबाइल व टैबलेट बरामद हुए थे. मोबाइल चेक करने पर उसमें दिल्ली के रहने वाले एक पुलिस अधिकारी की आपत्तिजनक तस्वीर मिली थी. जिसे जांच के लिए दिल्ली के फॉरेंसिक लैब भेजा गया था. एसटीएफ इंस्पेक्टर सत्यप्रकाश की तहरीर पर कैंट पुलिस ने डारिया मोलचन के खिलाफ फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करने और विदेशी अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर जेल भेज दिया था. 12 अप्रैल को जिला जज ने उसकी जमानत अर्जी खारिज कर दी थी. जिसके खिलाफ उसके वकील ने हाईकोर्ट में अपील कर वहां से जमानत हासिल की थी.