Department of Food and Logistics Department in front of Mau District Officer Narinder Tiwari’s arbitrariness.
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उत्तर प्रदेश में खद्यान्न विभाग के मामलों में मऊ जिला भ्रष्टाचार की हर सीमा को लांघ चुका है। एक तरफ उत्तर प्रदेश सरकार 43 जिलों में हुए भ्रष्टाचार में अभी तक खुल कर स्पष्टीकरण देने में असमर्थ रही है वहीं दूसरी तरफ मऊ जिलापूर्ती अधिकारी उत्तर प्रदेश सरकार के नीतियों का गला घोंटने में लगे हुए हैं। आपको बता दें कि मऊ जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी पर पूर्व में भी भ्रष्टाचार के कई मामले दर्ज हैं जिसमे जांच अधिकारी उपायुक्त(खाद्य)फैजाबाद, फैजाबाद मण्डल ने पत्रांक संख्या-0792/ उ०आ०(खा०)/अधि०-वि०का०/2018 जारी कर जिलापूर्ती अधिकारी को फटकार लगाते हुए 14/09/18 को पेश होकर जवाब देने की आखिरी तारीख नियुक्त की थी, लेकिन ऊंची रसूख रखने वाले इस जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी पर इसका कोई भी फर्क पड़ता नही दिखा तथा उन्होंने एक बार फिर से जांच अधिकारी के आदेशों की धज्जियाँ बखूबी उड़ाई हैं।
हमारे सूत्रों ने हमे यह बताया कि मऊ जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी अपने भ्रष्ट कर्मचारियों के बचाव के लिए हर प्रकार के हथकण्डे तो अपना ही रहे हैं साथ ही साथ जांच में अधिकारियों द्वारा दोषी पाए जाने वाले कर्मचारियों पर कार्यवाही करने के बजाए उनको उनके मनमाफिक ब्लॉकों में नियुक्ति देकर मऊ जिले में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने का कार्य बखुबी कर रहे हैं। आपको बता दें कि परदहां वार्ड न०-6 से भाजपा सभासद दिनेश कुमार सिंह द्वारा की गयी शिकायत पर उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल ने अपनी जांच में धीरज अग्रवाल, लिपिक अरविंद कुमार,पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय, पूर्ति निरीक्षक साजिद शिकोह व वर्तमान गाजीपुर क्षे० खाद्य अधिकारी मनोज कुमार सिंह को जिले में पूर्व में हुई खाद्य संबंधित अनियमितताओं में दोषी पाया है। वहीं आलोक कुमार आयुक्त खाद्य एवम रसद, लखनऊ द्वारा 11/09/18 को पत्रांक जारी कर पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय, धीरज अग्रवाल, लिपिक अरविंद कुमार,पूर्ति निरीक्षक साजिद शिकोह व वर्तमान गाजीपुर क्षे० खाद्य अधिकारी मनोज कुमार सिंह से उनके खिलाफ चल रही जांच में स्पष्टीकरण की मांग की गई है।
आपको बता दें कि इन कर्मचारियों द्वारा लगातार किये जा रहे भ्रष्टाचार के बावजूद भी आज तक जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी द्वारा इन पर किसी भी प्रकार कोई कार्यवाही नही देखने को मिली उल्टा भ्रष्टचारियों के हिमायती माने जाने वाले जिलापूर्ती अधिकारी ने इनको संरक्षण देते हुए जिले की कमाऊ तहसीलों में भेज कर भ्रष्टाचार का नंगा नाच किया जा रहा है। वहीं 05/09/2018 को जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा जारी पत्रांक संख्या – 791 में उन्होंने भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए कर्मचारी हर्षिता राय और साजिद शिकोह को क्रमशः कोपागंज ब्लॉक और दोहरीघाट क्षेत्र आवंटित किया था। लेकिन करीब एक सप्ताह के बाद पुनः जारी पत्रांक संख्या-0826 में जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा भ्रष्टाचार में दोषी पाए गए कर्मचारी साजिद शिकोह को पुनः दोहरीघाट क्षेत्र से हटा कर जिले के ब्लॉक रानीपुर क्षेत्र आवंटित किया है। हमारे सूत्रों की माने तो लगातार आदेश जारी कर इस प्रकार क्षेत्रों के आवंटन में जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा बड़े भ्रष्टाचार की बातें सामने आ रही हैं, जो जिलापूर्ती अधिकारी के कार्यों को संदेहास्पद बनाती है। जहां एक तरफ मुख्यमंत्री और खाद्य एवं रसद मंत्रालय द्वारा लगातार खाद्य गड़बड़ियों को लेकर बड़े कदम उठाए जा रहे हैं वहीं दूसरी तरफ मऊ जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा की जा रही अनियमितताओं से मुख्यमंत्री और विभाग की साख पर अच्छी खासी चोट पहुंचाई जा रही है।
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