यूपी: यहां डॉमिनोज पिज्जा पर जिला प्रशासन ने कार्यवाही करते हुए साढ़े 9 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है। 2015 में पिज्जा के लिए गए सैंपल में चीज का स्टैंडर्ड्स बेहद से ही कम पाया गया। इसके तहत चीज निर्माता, चीज सप्लायर और पिज्जा विक्रेता के खिलाफ एक्शन लिया गया है। मई 2015 में लिया गया था नमूना …
– मामला शाहजहांपुर के डॉमिनोज रेस्टोरेंट का है। यहां जिला प्रशासन के खाद्य सुरक्षा विभाग ने मई 2015 में पिज्जा में इस्तेमाल होने वाले चीज का नमूना लिया था।
– लैब की जांच में चीज का स्टैंडर्ड्स बेहद से कम पाया गया। इसी मामले में दोनो पक्षों की सुनवाई के बाद एडीएम प्रशासन जितेन्द्र कुमार शर्मा ने कार्रवाई करते हुए चीज निर्माता, चीज सप्लायर और पिज्जा विक्रेता के खिलाफ 9 लाख 50 हजार का जुर्माना किया है।
– फिलहाल जिला प्रशासन की इस कार्रवाई के बाद से यहां के होलट और बाकी रेस्टोरेंट मालिकों के बीच हड़कम्प मचा हुआ है।
– एडिशनल कलेक्टर जितेन्द्र कुमार शर्मा का कहना है, ”मई 2015 मे फूड इंस्पेक्टर ने पिज्जा का नमूना लिया था। इसमें पिज्जा में पड़ने वाली चीज की मात्रा 35 प्रतिशत होनी चाहिए थी, लेकिन उसमें सिर्फ 20 प्रतिशत ही पाई गई थी। जिसके चलते साढ़े 9 लाख रुपए का जुर्माना लगाया गया है।”
मैगी नूडल्स पर लगा था 62 लाख का जुर्माना
– बता दें, 2017 में नेस्ले कंपनी अपने प्रोडक्ट मैगी नूडल्स के सैम्पल में गड़बड़ी पाए जाने पर शाहजहांपुर के एडीएम ने 62 लाख का जुर्माना लगाया था।
– यह जुर्माना कंपनी के मैगी नूडल के नमूने के एक प्रयोगशाला परीक्षण में कथित तौर पर असफल होने के बाद लगाया गया था।
– जांच में सामने आया था कि इसकी मैन्युफैक्चरिंग में राख जैसे तत्व का मानव उपभोग के लिए अनुमति प्राप्त सीमा से ज्यादा पाया गया।
– सफाई देते हुए नेस्ले इंडिया के एमडी सुरेश नारायण ने कहा था, ”नेस्ले की ओर से यह स्पष्ट किया जाता है कि मैगी नूडल के मैन्युफैक्चरिंग के दौरान किसी भी तहत की राख नहीं मिलाई जाती है।”
– इसमें से 45 लाख रुपए कंपनी को और 17 लाख रुपए 8 डिस्ट्रीब्यूटर्स पर लगा। बता दें कि दो साल पहले मैगी में नुकसानदेह लेड पाए जाने के बाद इसे पूरे देश