उत्तर प्रदेश के बरेली की दरगाह आला हजरत से जुड़ी संस्था के मुस्लिम उलेमा ने शुक्रवार (16 फरवरी) को औरतों और मर्दों शादियों में साथ साथ खाना खाने और शिरकत करने को लेकर फतवा जारी किया है। ईटीवी भारत यूपी के यूट्यूब पेज पर शेयर किए गए वीडियो में संस्था कि एक सदस्य फतवे की बातें बताते हुए दिखाई देते हैं। वह कहते हैं कि आजकल ऐसा माहौल हो गया है कि औरत और मर्द एक साथ में खाना खाते हैं, बातचीत होती है, इसलिए फतवा जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि कुरान और हदीश की रोशनी में यह कहा गया है कि मर्द और औरत एक साथ में खाना न खाएं, यानी वे लोग जिनके साथ में दूध का कोई रिश्ता नहीं है, वे साथ में खाना न खाएं और न ही उठें-बैठें और वे मर्द और औरत, जिनके साथ में दूध का रिश्ता है, वे एक साथ में खाना खा सकते हैं और बैठ सकते हैं।
संस्था के सदस्य ने कहा कि शादी-ब्याह में बहुत खुराफातें हो गई हैं, बड़ी बुराइयां आ गई हैं, लोग खड़े होकर खाना खाते हैं, औरतों और मर्दों का एक साथ मिलन होना, साथ बैठकर खाना खाना, ये तमाम चीजें जो हैं वो शरीयत के खिलाफ हैं और इस सिलसिले में इस्लाम ने मनाही की है। मर्दों का औरतों के साथ और औरतों का मर्दों के साथ मिलना जुलना ये दोनों चीजें जायज नहीं हैं, इसलिए फतवा जारी किया गया है कि लोग इससे बचें और अपने साथ में जहां भी शादी ब्याह का इंतजाम करते हैं, वहां औरतों और मर्दों के खाने का इंतजाम अलग-अलग करें ताकि इस बुराई से बचा जा सके।
बता दें कि हाल ही में दारुल उलूम देवबंद ने भी एक फतवा जारी कर कहा था कि मुस्लिम महिलाओं का दुकान पर पराए मर्दों से चूड़ी पहनना गैर इस्लामिक है। फतवे में ऐसा करने को गुनाह बताया गया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक मौलाना अबुल इरफान मियां फिरंगीमहली ने इस बारे मे कहा था कि चूड़ी पहनने के लिए औरत जब पराए मर्द के हाथों मे हाथ थमाती है तो वह उस मर्द को मिनटों कहीं से कहीं पहुंचा देता है, इसलिए शरीयत में ऐसा करने से मना किया गया है।