उन्नाव गैंगरेप मामले में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने शुक्रवार (13 मार्च) को बीजेपी के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर की गिरफ्तारी का आदेश दे दिया। इससे पहले कोर्ट मामले में ढुलमुल रवैया बरते जाने को लेकर राज्य सरकार को फटकार लगा चुकी थी। शुक्रवार को ही तड़के करीब साढ़े चार बजे सीबीआई ने आरोपी विधायक को उनके लखनऊ स्थित पैृतक आवास से हिरासत में लिया था। सीबीआई ने इस मामले में आरोपी विधायक के खिलाफ रेप, हत्या और अपहरण के तीन अलग-अलग मामले दर्ज किए हैं। विधायक के भाई अतुल सिंह सेंगर की गिरफ्तारी पहले ही हो चुकी है। शुक्रवार को सीबीआई की सात सदस्यीय समिति ने पीड़ित पक्ष से पूछताछ शुरू की। उन्नाव के एक होटल में पीड़ित पक्ष से पूछताछ हुई। इस दौरान पीड़िता, उसके चाचा और परिवार के अन्य सदस्य पूछताछ में शामिल हुए। सीबीआई के अधिकारियों को होटल तक स्थानीय पुलिस छोड़ने गई थी, लेकिन पूछताछ के दौरान पुलिस को गेट पर ही रोक दिया गया था।
सीबीआई ने आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर का मोबाइल फोन जब्त कर लिया था और उनके घरवालों के फोन नंबर भी ट्रेस किए जा रहे हैं और उनका डेटा खंगाला जा रहा है। सीबीआई ने उन 6 पुलिसकर्मियों के मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं जिन्हें इस केस में लापरवाही बरतने के आरोपों में निलंबित किया गया है। निलंबित पुलिसकर्मियों को भी हिरासत में लेकर सीबीआई के द्वारा पूछताछ की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई के रडार में कुछ उच्चाधिकारी भी आते दिख रहे हैं। ऐसी संभावना जताई जा रही है कि आज (शुक्रवार 13 अप्रैल) की शाम या कल शनिवार तक सीबीआई इस केस में लिप्त कुछ उच्चाधिकारियों के नाम भी उजागर कर सकती है। सूत्रों की मानें तो सीबीआई वर्तमान एसपी पुष्पांजलि और पूर्व एसपी नेहा पांडेय से भी इस मामले में पूछताछ कर सकती है।
बता दें कि इससे पहले गुरुवार (12 अप्रैल) को आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ उन्नाव के माखी थाने में भारतीय दंड संहिता की धारा 363, 366, 376, 506 और पॉस्को एक्ट में केस दर्ज किया गया था। केंद्र ने बीजेपी विधायक द्वारा 17 वर्षीय लड़की से कथित बलात्कार मामले की सीबीआई जांच को गुरुवार (12 अप्रैल) को मंजूरी दी थी। रेप पीड़िता ने पिछले रविवार (8 अप्रैल) को बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ कोई कार्रवाई न होती देख मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की थी, जिसके बाद मामला प्रकाश में आया था।
मामले को लेकर योगी सरकार की चौतरफा किरकिरी हो रही है। राज्य सरकार पर आरोपी विधायक को बचाने के भी आरोप लग रहे हैं। वहीं पार्टी के कुछ नेताओं ने सरकार की कार्यप्रणाली को लेकर असंतोष जाहिर किया है और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह से मामले में दखल देने की मांग की है। पिछले दिनों रेप पीड़िता की पुलिस हिरासत में मौत होने बाद से मामले ने तूल पकड़ लिया था।