Sunday, December 22, 2024
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हाईस्कूल व इंटरमीडिएट का रिजल्ट छोड़ेगा परीक्षार्थियों का साथ…

SI News Today

यूपी बोर्ड में परीक्षा छोडऩे का रिकॉर्ड चंद दिनों में नई ऊंचाइयों पर पहुंचेगा। इसी के साथ रिजल्ट भी रेकॉर्ड बनाने की ओर है। उसमें तमाम परीक्षार्थियों का साथ छूटना तय माना जा रहा है। इस बार जिस तरह विभिन्न संसाधनों का प्रयोग और सख्ती के बीच परीक्षाएं हुई हैं। उससे परीक्षा परिणाम अर्श से फर्श पर होगा। हाईस्कूल व इंटर दोनों के सफलता प्रतिशत में बड़ी गिरावट होने के पूरे आसार हैं।

माध्यमिक शिक्षा परिषद यानी यूपी बोर्ड की हाईस्कूल व इंटर परीक्षा 2018 सिर्फ इम्तिहान के लिए ही नहीं बल्कि परीक्षा परिणाम के लिए भी याद की जाएगी। नकल के भरोसे रहने वाले परीक्षार्थियों में पूरे समय भगदड़ मची रही। अगले सप्ताह परीक्षाएं खत्म हो रही हैं। अब परिणाम भी इतिहास रचने की ओर है। वजह यह है कि परीक्षाएं जिस तरह से सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में हुई और अंदर व बाहर नकल पर नकेल कसी रही उससे रिजल्ट में बड़ी गिरावट होना तय है। पिछले वर्षों में हाईस्कूल में 2013 व 2014 में परीक्षा परिणाम 86 व 2016 में 87 फीसद को पार कर गया था, जबकि इंटर का परीक्षा परिणाम 2013 व 2014 में शिखर पर रहा है। पिछले डेढ़ दशक के रिजल्ट की ऊंची उड़ान पर विराम लगने के संकेत हैं।

यूपी बोर्ड प्रशासन उत्तर पुस्तिकाओं का मूल्यांकन सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में कराएगा। साथ ही पहली बार परीक्षकों को अलग से प्रशिक्षण भी दिया जाएगा कि वह किस तरह से कॉपियां जांचे। वहीं, मंडलीय अफसर मूल्यांकन केंद्रों का औचक निरीक्षण करते रहेंगे। मूल्यांकन कार्य 15 मार्च से ही शुरू कराने की तैयारी है।

सरकार ने शीर्ष कोर्ट की मानी

प्रदेश सरकार ने नकल पर अंकुश लगाकर शीर्ष कोर्ट के निर्णय का सम्मान किया है। 4 नवंबर, 2008 को एक फैसले में न्यायाधीश अल्तमस कबीर व जस्टिस मार्कण्डेय काटजू की खंडपीठ ने कहा था कि नकल करने वालों को कठोरता से दंडित करने की जरूरत है, क्योंकि इससे देश की प्रगति और अकादमिक स्तर पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। रंगे हाथों पकड़े जाने के बाद गलती मान लेने पर दोषी छात्रों को माफ करने की प्रवृत्ति को भी न्यायाधीशों ने ‘अनुचित सहानुभूति की संज्ञा दी थी और टिप्पणी दी थी कि ‘यदि देश को आगे बढऩा है, तो हमें उच्च शैक्षणिक स्तर स्थापित करना होगा, और यह तभी संभव है, जब परीक्षाओं में कदाचार पर कठोरता से रोक लगायी जाए।

पिछले परिणाम पर नजर

वर्ष हाईस्कूल इंटरमीडिएट

2005 68.31 89.38

2006 71.66 89.00

2007 74.41 89.34

2008 40.07 65.05

2009 56.67 79.52

2010 70.79 80.54

2011 70.82 80.14

2012 83.75 89.40

2013 86.63 92.68

2014 86.71 92.21

2015 83.74 88.83

2016 87.66 87.99

2017 81.18 82.62

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