Saturday, March 29, 2025
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भ्रष्टचारियों के हिमायती मऊ जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी द्वारा जांच में सहयोग न देने पर शासन द्वारा लगाई गयी फटकार।

SI News Today

If the supporters of the corrupt officials do not cooperate with the investigation in the case of the District Supply Officer Narendra Tiwari.

        

योगी सरकार के लिए खाद्य एवम रसद विभाग में आये दिन उजागर हो रहा भ्रष्टाचार अब एक सरदर्द साबित हो रहा है। जिससे निपटने के लिए सरकार द्वारा कठोर से कठोर निर्णय लिए जा रहे हैं। आपको बता दें मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी ने अभी हाल ही में प्रदेश में कोटेदारी प्रथा को खत्म करने का निर्णय लिया है। जिससे करीब प्रदेश में 80 हज़ार कोटेदार प्रभावित होंगे तथा साथ ही सरकार अधिकारियों पर भी सख्ती दिखाती नज़र आ रही है। लेकिन वहीं दूसरी तरफ मऊ जिले में जिलापूर्ती अधिकारी अपने भ्रष्ट कर्मचारियों के साथ मिलकर जिले में भ्रष्टाचार का नंगा नाच कर रहे हैं तथा खुद को तानाशाह समझ कर मुख्यमंत्री व अधिकारियों के आदेशों की अव्हेलना कर सरकार व विभाग के साख पर कालिख पोतने में लगे हैं। आपको बता दें मऊ जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा कुशीनगर में अपने कार्यकाल के दौरान किए गए भ्रष्टाचार में आयुक्त खाद्य तथा रसद विभाग,उत्तर प्रदेश जवाहर भवन,लखनऊ के आदेश संख्या 1450/आ०पू०अधि०61/2011, दिनांक 21 अप्रैल 2017 द्वारा मऊ जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी के विरुद्ध विभागीय कार्यवाही संस्थित करते हुए उपायुक्त(खाद्य)फैजाबाद,फैजाबाद मण्डल को जांच अधिकारी नियुक्त किया गया है।

जिसमे जांच को आगे बढाते हुए उपायुक्त(खाद्य)फैजाबाद,फैजाबाद मण्डल द्वारा 5/09/18 पत्रांक संख्या०783/उ०आ०(खा०)/अधि०-वि०का०/2018 जारी कर 7/09/18 में मऊ जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी को पेश होने का आदेश दिया गया। लेकिन ऊंची रसूख रखने वाले मऊ जिलापूर्ती अधिकारी ने जांच अधिकारी के समक्ष पेश होना जरूरी नही समझा। तथा जांच अधिकारी उपायुक्त(खाद्य)फैजाबाद,फैजाबाद मण्डल ने पुनः एक और पत्रांक संख्या०792/ उ०आ०(खा०)/अधि०-वि०का०/2018 जारी कर जिलापूर्ती अधिकारी को फटकार लगाते हुए 14/09/18 को पेश होकर जवाब देने की आखिरी तारीख नियुक्त की है तथा कहा है की यदि जिलापूर्ती अधिकारी इस तारीख पर भी नहीं आते हैं तो उनपर लगे आरोपों के सम्बंध में उन्हें निरुत्तर समझा जाएगा।

आपको बता दें जिलापूर्ती अधिकारी अपनी मनमानी के लिए हमेशा चर्चा में रहें हैं तथा इन पर आरोप लगता रहा है कि यह अपनी पूर्व तैनाती वाली जगहों से कुछ चुनिंदा कर्मचारियों को जिले में बुलाकर भ्रष्टाचार करवाते हैं। हमारे विशेष सूत्रों द्वारा हमको यह बताया गया है की जिले के परदहां वार्ड न०6 से भाजपा सभासद दिनेश कुमार सिंह द्वारा की शिकायत पर उपायुक्त(खाद्य) वाराणसी मण्डल ने अपनी जांच में धीरज कुमार अग्रवाल, लिपिक अरविंद कुमार,पूर्ति निरीक्षक हर्षिता राय,पूर्ति निरीक्षक साजिद शिकोह,व वर्तमान गाजीपुर क्षे०खाद्य अधिकारी मनोज कुमार सिंह को दोषी पाया है तथा रिपोर्ट शासन को सौंप दी हैं। वहीं दूसरी तरफ इन भ्रष्टकर्मियों की लगातार हो रही शिकायत के बावजूद भी इनको जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी का संरक्षण प्राप्त है। हमारे सूत्रों ने हमे यह भी बताया कि यह ज्ञात होने पर की जांच में ये सभी दोषी हैं उसके बावजूद भी भ्रष्ट लिपिक अरविंद कुमार को हटाने की बजाए उसको सबसे कमाऊ माने जाने वाली मधुबन तहसील में नियुक्त किया गया है। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि लिपिक अरविंद कुमार वाराणसी में जिलापूर्ती कार्यकाल में बाबू के पद पर कार्यरत रह चुका है जहां खुद जिलापूर्ती अधिकारी नरेंद्र तिवारी कार्यरत थे। यही हाल प्राइवेट कर्मचारी अजित सिंह का भी है जो नरेंद्र तिवारी के साथ गाजीपुर में कार्य कर चुका है व वर्तमान में इसके विरुद्ध गाजीपुर में आधार ऑथेंटिकेशन दुरूपयोग करने के लिए एफ०आई०आर दर्ज कराई गई है। यह बात तो समझ से परे है कि आखिर क्यों जिलापूर्ति अधिकारी द्वारा अब तक अजीत सिंह पर किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नही देखने को मिली,जबकि यह स्पष्ट है कि आधार ऑथेंटिकेशन के दुरुपयोग का खेल केवल अकेले कोटेदारों के बस की बात नहीं। अब देखने वाली बात यह है कि मऊ जिलापूर्ती अधिकारी द्वारा हर उस जगह पर भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो रहे जहां पर वह कार्यरत रहे हैं। और यदि मऊ जिले में शासन द्वारा गहन जाँच करवाई जाए तो यहाँ के परिणाम भी आश्चर्यजनक सिद्ध होंगे।

SI News Today

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