मास्टर साहब, यह पैसे रख लें और मुझे पास कर दीजिएगा। आप की कलम में ईश्वर ने ताकत दी है, जिससे मेरा भविष्य बन सकता है। फेल हो गया तो बड़ी बदनामी होगी। कुछ ऐसी ही बातें परीक्षकों को यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटर की कॉपियों को जाचते समय पढ़ने को मिल रही हैं।
शहर के पाच केंद्रों पर चल रहे मूल्याकन के दौरान अलग-अलग किस्से सामने आमने आ रहे हैं। रंगीन नोट लगाकर पास करने की गुजारिश करने वाले अधिकाश छात्रों की कॉपिया सादी ही बताई जा रही हैं। ऐसे में कभी-कभी गुरुजी भी खुद को ऊहापोह की स्थिति में पाते हैं, लेकिन उन्हें आदर्शो व नियमों के तहत ही मूल्याकन करना है।
बंदरों का आतंक
राजकीय इंटर कॉलेज निशातगंज में बंदरों के आतंक से कॉपियों का मूल्याकन करना परीक्षकों के लिए मुसीबत बन गया है। रविवार को परीक्षक आरीफा का दुपट्टा लेकर बंदर चले गए। इसी तरह कई परीक्षकों की बाइक की डिग्गी खोल बंदर खाना लेकर चले गए। इसे लेकर केंद्र पर काफी अफरातफरी रही।
दोपहर बाद पहुंचे परीक्षक
मूल्याकन के दूसरे दिन भी परीक्षक पहले दिन के र्ढे पर ही कायम रहे। अधिकाश केंद्रों पर उप मुख्य परीक्षक व परीक्षक दोपहर बाद तक आते रहे। और शाम चार बजे से पहले ही घर वापस हो लिए। डीआइओएस डॉ. मुकेश कुमार सिंह का कहना है कि पहले दिन की तुलना में रविवार को परीक्षक की संख्या बढ़ी है। सोमवार से मूल्याकन कार्य सामान्य होगा।