Thursday, November 21, 2024
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गोण्डा जिले में आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा के उखड़ते पाँव

SI News Today

In the upcoming Lok Sabha elections in the Gonda district, the BJP’s upheaval foot.

     

भारतीय इतिहास को देखा जाए तो उत्तर प्रदेश केन्द्रीय राजनीति में एक बड़ा ही महत्वपूर्ण स्थान रखता है और यह भी कहते हैं की दिल्ली का रास्ता उत्तर प्रदेश से ही होकर जाता है। केंद्र में भाजपा हो या कांग्रेस उत्तर प्रदेश दोनों की राजनीतिक जमीन के रूप में अपनी अलग पहचान रखता है। देश को 8 प्रधानमंत्री देने के साथ लोकसभा में 80 सीटों और 134,351,297 वोटरों के साथ उत्तर प्रदेश अकेले किसी भी राजनीतिक समीकरण को बदल देने की ताकत रखता है। काँग्रेस के लगातार 10 सालों के शासन से ऊब चुकी उत्तर प्रदेश की जनता ने 2014 के लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को 42.63% वोटों के साथ 71 सीटों पर कब्ज़ा दिलाकर दिल्ली की गद्दी पर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में बैठाया। जिस तरह से मोदी लहर ने समस्त उत्तर प्रदेश को भगवा रंग में रंग दिया उसी तरह गोण्डा जिले की दोनों लोकसभा क्षेत्रों में भी भगवा परचम मजबूती के साथ लहराया। सबका साथ सबका विकास,और अच्छे दिन आएँगे के नारों ने जिले की जनता के मन मे एक पैठ बना ली जिसका परिणाम वोटिंग मशीनों ने जीत के रूप में दिखाया था।

भाजपा जहां एक तरफ अपने पिछले कीर्तिमान को भारत मे और उत्तर प्रदेश में दुबारा रचना चाह रही है वहीं दूसरी तरफ गोण्डा जिले की दोनों लोकसभा सीटों पर हमारे न्यूज़ ऐजेंसी द्वारा किये गए सर्वे में हालात काफी चिंताजनक बने हुए हैं। हमारे एजेंसी द्वारा जमीनीस्तर पर किये गए सर्वे ज्यादातर ग्रामीण मतदाताओं की राय पर निर्भर हैं जिसमे भाजपा की स्थिति फिलहाल काफी दुर्बल नज़र आ रही है। आपको बता दें कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में हमारे द्वारा किया गया सर्वे लगभग 57000 लोगों की राय पर निर्भर है जिनमे ज्यादातर किसान और युवा वर्ग है। सर्वे के आंकड़ों के मुताबिक समाजवादी पार्टी कैसरगंज में 39.6% वोटों के साथ पहला स्थान हासिल किये हुए है,और भाजपा 33.8% वोटों के साथ दूसरे स्थान पर तथा 12.3% वोटों के साथ बहुजन समाजवादी पार्टी तीसरे स्थान पर है और करीब 3% लोगों ने कैंडिडेट के चेहरे पर वोट डालने की बात कही तो करीब 4.1% मतदाता महागठबंधन की आस लगाये हुए हैं,बाकी अन्य पार्टियां 7.2% मत प्रतिशत में सिमटती नजर आयी हैं।

कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में भाजपा के गिरते वोट प्रतिशत का कारण छुट्टा जानवर और एस. सी/एस. टी एक्ट(हरिजन एक्ट) में हुए संशोधन के साथ वर्तमान सांसद का क्षेत्र से नदारद होना भी बताया जा रहा है। लोगों ने हमसे बातचीत के दौरान बताया कि उनको अभी भी नरेंद्र मोदी के चेहरे से परहेज नहीं है लेकिन वर्तमान भाजपा नेताओं के क्रिया कलाप से जनता के मन मे अत्यन्त रोष व्याप्त है। हमारे द्वारा किसानों से समर्थन मूल्य से लेकर,फसल बीमा योजना, कृषि जिंसों का निर्यात,गन्ने का बकाया भुगतान और कृषि ऋण जैसे बिंदुओं पर बात की गई जिस पर किसानों ने भारी नाराजगी जताई है। किसानों के अनुसार सरकार की सुलभता भी एक स्वस्थ सरकार की पहचान है लेकिन भाजपा के स्थानीय नेताओं तक पहुंच पाना एक टेढ़ी खीर साबित होता है। सबसे ज्यादा असंतोष तो गन्ना किसानों में देखने को मिला जिनके अनुसार समय पर भुगतान ना होना और स्थानीय भाजपा नेताओं के करीबियों द्वारा गन्ना क्रय केंद्रों पर की जा रही घटतौली किसानों के नाराजगी का एक बड़ा कारक सिद्ध हो रही है।

आपको बता दें कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र में हमारे द्वारा किये गए सर्वे में एक बड़ी बात यह सामने आई कि मुस्लिम मतदाताओं पर तीन तलाक जैसी कुरीतियों के समापन का कोई खासा फर्क पड़ता नहीं दिखा अयोध्या का किनारा होने के कारण बाबरी विध्वंस और भाजपा की एंटी मुस्लिम छवि अभी भी उन पर हावी है जिस वजह से भाजपा को हराने वाला या महागठबंधन का चेहरा ही उनके लिए पसंदीदा बना हुआ है। न्यूज़ एजेंसी S.I.न्यूज़ टुडे द्वारा किया गया सर्वे वर्तमान के मुद्दों और परिस्थितियों पर निर्भर है,राजनीतिक पंडितों की बात मानी जाए तो मोदी और अखिलेश की चुनावी रैलियों में होने वाले चुनावी वादे भी राजनीतिक समीकरण को काफी हद तक प्रभावित करेंगे। लेकिन फ़िलहाल वर्तमान परिस्थितियों में गोण्डा के कैसरगंज लोकसभा क्षेत्र मेें समाजवादी पार्टी कहीं न कहीं भाजपा पर हावी होती दिख रही है और यदि महागठबंधन का खेल विपक्षियों द्वारा खेला गया तो समस्त उत्तर प्रदेश में भाजपा को विपक्षियों से कड़ी टक्कर मिलने की उम्मीद है।

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