Independent journalist Navdeep Chaturvedi questioned the funding of Prashant Kishore’s company I-Pac.
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2014 के चुनाव में मोदी को प्रचंड बहुमत लाने के पीछे मुख्य रणनीतिकार प्रशांत किशोर का हाथ बताया जाता था इसके साथ ही उसके बाद बिहार में हुए चुनाव में नीतीश कुमार के लिए रणनीति करने में प्रशांत किशोर ही थे उनकी कंपनी आईपैक को फंडिंग को लेकर स्वतंत्र पत्रकार नवदीप चतुर्वेदी ने प्रेस वार्ता कर सवाल खड़े किए।
गौरतलब हो की प्रशांत किशोर UN में नौकरी नौकरी छोड़कर 2014 के चुनाव में BJP के लिए चुनावी रणनीति तैयार की थी जिसमें वह पूरी तरीके से सफल रहे इसके बाद उन्होंने बिहार चुनाव में महागठबंधन के लिए रणनीति तैयार की जिसमें वह फिर से सफल रहे इसके बाद उनका कद काफी बढ़ गया नवदीप ने कहा की इनकी कंपनी आए पैक को 2015 16 में 95,00,000 रुपए का टर्नओवर हुआ था जबकि इनकी कंपनी में कई ऐसे लोग काम कर रहे हैं जो IITians हैं एवं अपने अच्छे सैलरी पैकेज छोड़ कर के आए हैं जबकि एक विधानसभा के चुनाव में ही दो से चार करोड़ खर्च हो जाते हैं तो ऐसे में पूरे देश के लिए स्ट्रेटेजी इतने कम रुपए में कैसे हो सकती हैं और यह अपने यहाँ काम करने वालो को सैलरी अच्छी ही दे रहे होंगे।
उन्होंने इसके पीछे यह आरोप लगाया की प्रशांत किशोर एक मुखौटा है असल में कोई और है जो इन्हें संचालित करने का काम कर रहा है अप्रत्यक्ष रुप से उन्होंने बीजेपी पर निशाना साधा कि वही उन्हें फंडिंग कर रही है उन्होंने यह भी कहा नीरव मोदी जैसे लोगों की जिन कंपनियों से संबंध है उनसे प्रशांत किशोर की कंपनी के भी संबंध है।
Reported by – खुर्शीद आलम (पत्रकार)