लखनऊ: प्रदेश की राजधानी लखनऊ में ज्येष्ठ मास के बड़ा मंगल की अपनी एक विशेष महत्ता है। इस महीने पडऩे वाले सभी मंगलवार को यहां ‘बड़े मंगल’ के तौर पर मनाया जाता है।
आज पहला बड़ा मंगल है। इसकी रौनक पूरे शहर में देखी जा सकती है। इस दौरान सभी मंदिरों में सुरक्षा के कड़े इंतजाम हैं। लखनऊ में आज सभी सरकारी दफ्तरों के साथ स्कूलों में अवकाश है। एसएसपी दीपक कुमार भी इस पर्व को लेकर बेहद गंभीर हैं।
उन्होंने कल देर शाम हनुमान मंदिर का दौरा किया और अपने मतहतों को सुरक्षा पर पैनी नजर रखने का निर्देश दिया। दिलचस्प यह है कि ‘बड़ा मंगल’ केवल हिंदू श्रद्धालुओं तक ही सीमित नहीं है। यह धार्मिक सद्भाव और सर्वधर्म एकता भी प्रतीक है।
क्या है बड़ा मंगल का इतिहास
ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार बड़ा मंगल की शुरुआत करीब 400 साल पहले अवध के नवाब ने की थी। दरअसल नवाब मोहम्मद अली शाह का बेटा एक बार गंभीर रूप से बीमार हो गया। उनकी बेगम रूबिया ने कई जगह उसका इलाज कराया, लेकिन वह ठीक नहीं हो सका। किसी की सलाह पर वह बेटे की सलामती की मन्नत मांगने अलीगंज में पुराने हनुमान मंदिर आईं।
नवाब का बेटा बिल्कुल स्वस्थ हो गया और इससे अभिभूत नवाब की बेगम रूबिया ने मंदिर का जीर्णोद्धार कराया। वहीं नवाब ने ज्येष्ठ की भीषण गर्मी के दिनों में प्रत्येक मंगलवार को पूरे शहर में गुड़ और पानी का वितरण कराया। इसके बाद से ही यह परंपरा आजतक जारी रही हैं।