लखनऊ: राजधानी के राजकीय बाल गृह में रहने वाली काजल को दिल्ली में हो रहे ‘अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप’ मैच देखने बुलाया गया है। इस दौरान वह पीएम नरेंद्र मोदी से भी मिलेगी। उसे यह मौका मिशन इलेवन मिलियन (एम इलेवन मिलियन) के तहत मिला है। इसमें देश के 1.1 करोड़ बच्चों को फुटबॉल से जोड़ा जा रहा है। लखनऊ में 400 बच्चों में से सेलेक्ट होने वाली काजल अपनी तरह की अकेली लड़की है। हमने काजल और बाल सुधार गृह की सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रगति खरे से बात की।
8 साल की उम्र में खो गई थी काजल
– प्रगति खरे ने बताया, 2009 में काजल (16 साल) और उसकी छोटी बहन को एक महिला बाल सुधार लेकर आई थी। उस समय काजल की उम्र 8 साल थी। काफी खोजबीन के बाद भी उसके परिवार का कोई नहीं मिला।
– एक दिन उसने कामख्या मन्दिर, जंगल और कुछ अन्य छोटी जानकारी दी। इस जानकारी के आधार पर पुलिस आसाम पहुंच गई। वहां घर का पता मिल गया, लेकिन पड़ोस के लोगों ने बताया अब यहां कोई नहीं रहता। सभी की डेथ हो चुकी है। पुलिस उसे लेकर वापस आ गई।
– उसको यहां 8 साल हो गए हैं। वह हाईस्कूल में पढ़ाई कर रही है।
मां ने किया सुसाइड, पापा भी हो गए दूर
– काजल ने बताया, ”मेरे मम्मी-पापा का अक्सर झगड़ा होता था। एक दिन मम्मी ने गुस्से में आग लगाकर सुसाइड कर लिया, इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई।”
– ”इसके बाद पापा उदास रहने लगे। एक दिन वो चारों बहनों को लेकर कहीं जा रहे थे। एक स्टेशन पर पापा पानी भरने उतरे, उसी समय ट्रेन चल दी। हम चिल्लाते रहे और पापा का साथ छूट गया।”
– ”ट्रेन अगले स्टेशन पर रुकी तो मैं भी बहनों के साथ उतर गई। मुझे लगा- पापा को ढूढ़ने दूसरी ट्रेन में बैठना होगा।”
– ”मैं छोटी बहन को लेकर पहले ट्रेन में चढ़ गई। दोनों बहनें पूजा और पुचकी स्टेशन पर खड़ी रहीं। उसके बाद ट्रेन चल दी और दो बहनें भी बिछड़ गईं।”
ऐसे पहुंची बाल सुधार गृह
– ”ट्रेन चारबाग स्टेशन पर आकर रुकी। तब मैं न तो चारबाग जानती थी-न लखनऊ।”
– ”छोटी बहन को गोद में लेकर स्टेशन पर भटक रही थी। वह भूख के कारण रो रही थी। मैं एक चाय की दुकान गई। मैंने वहां बर्तन धुले, जिसके एवज में दुकानदार ने एक गिलास दूध दिया।
– यहीं एक दीदी मिली, जो मुझे बाल सुधार गृह तक लेकर आईं। यहां छोटी बहन बीमार पड़ गई। बहुत इलाज हुआ लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका।”
400 बच्चों को पीछे छोड़कर बनाया ‘मिशन इलेवन मिलियन’ में स्थान
– काजल 6 अक्टूबर को दिल्ली के जवाहर लाल स्टेडियम में अंडर-17 फीफा वर्ल्ड कप के दौरान पीएम से मिलेगी।
– देश भर में बच्चों को फुटबॉल के खेल से जोड़ने के लिए मिशन इलेवन मिलियन चलाया जा रहा है।
– देश भर के कई बड़े स्कूलों के बच्चों ने अप्लाई किया था, जिसमें से एक काजल भी थी। 400 बच्चों को पीछे छोड़ते हुए उसने जगह बनाई।
– आयोजन समिति के परियोजना निदेशक जॉय भट्टाचार्या ने बाल सुधार गृह की सीएमएस को लेटर लिखकर काजल के सिलेक्ट होने की जानकारी दी।
– देखरेख के लिए बाल सुधार गृह से दिल्ली में उसके साथ एक महिला टीचर को भी बुलाया गया है।