अमेठी.चित्रकूट जिले की एक महिला के साथ गैंगरेप और उसकी बेटी के साथ छेड़खानी के मामले में पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और उनके साथी पुलिस की जांच में गैंगरेप के दोषी पाए गए हैं। इस मामले में पुलिस ने कोर्ट में चार्जशीट दाखिल किया है। आगे पढ़िए गायत्री के करीबी की गवाही बनी प्रमुख आधार…
-बताते चलें कि मामले की जांच कर रही एसआईटी ने गायत्री समेत सभी 7 आरोपियों को जांच में दोषी पाया।
-दरअस्ल, एसआईटी ने कॉल डिटेल, मेडिकल, कलमबंद बयान और गवाह के बयान के आधार पर चार्जशीट तैयार किया। खास बात ये कि पुलिस ने चार्जशीट में गायत्री के करीबी की गवाही को प्रमुख आधार बनाया है।
-इस मामले में सीओ चौक के नेतृत्व में एसआईटी ने केस में जांच पूरी कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दर्ज हुआ था मुकदमा
-सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बीते 18 फरवरी को गौतमपल्ली थाने में गायत्री प्रजापति, विकास वर्मा, पिंटू सिंह सहित 7 लोगों के खिलाफ लखनऊ के गौतमपल्ली थाने में रेप, गैंगरेप और नाबालिग के साथ रेप की कोशिश का मामला दर्ज किया गया था।
-मामले की जांच आलमबाग की तब सीओ अमिता सिंह द्वारा ही की गई थी। उन्होंने पीड़िता का 164 सीआरपीसी के तहत कोर्ट में कलमबद्ध बयान दर्ज किया था। इसके बाद पीड़िता की बेटी के बयान के लिए जांच टीम दिल्ली गई थी, जहां उसका बयान दर्ज किया गया था।
-जांच में लापरवाही बरतने में सपा के कद्दावर मंत्री गायत्री प्रजापति केस की जांच कर रही आलमबाग की महिला अफसर अमिता सिंह को जांच से हटा दिया गया था।
-बता दें, लंबे समय तक फरार रहने के बाद 15 मार्च को गायत्री प्रजापति को यूपी पुलिस ने लखनऊ से गिरफ्तार किया था।
महिला का बनाया था अश्लील फोटो
-पीड़ित महिला ने अपनी शिकायत में कहा था कि गायत्री के एक करीबी ने उसकी मुलाकात करीब 3 साल पहले गायत्री से कराई थी। मंत्री ने उसकी चाय में नशीला पदार्थ मिलाकर बेहोशी की हालत में उसके साथ रेप किया था। गायत्री ने कुछ आपत्तिजनक फोटो भी ली थी। साथ ही प्रजापति ने उसे कई बार ब्लैकमेल भी किया था।
कौन हैं गायत्री प्रजापति?
-गायत्री प्रजापति पर भ्रष्टाचार के कई आरोप हैं। उन्हें तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव ने अपने मंत्रिमंडल से बर्खास्त भी किया था, लेकिन बाद में दोबारा शामिल कर लिया गया। इस बार उन्होंने समाजवादी पार्टी के टिकट पर अमेठी से किस्मत आजमाई, लेकिन हार गए थे।
-अभी कुछ दिन पहले ही यूपी चुनाव के दौरान आचार संहिता उल्लंघन का मामला देखने को मिला था, जब कानपुर से अमेठी ले जाई जा रही 4000 साड़ियों की एक खेप को पुलिस ने पकड़ा, बिल पर भी गायत्री प्रजापति का नाम था। इस मामले में केस दर्ज हुआ था।