कानपुर: यूपी में मौरंग कारोबार में नए युग की शुरुआत हो गई है। मौरंग की बिक्री अब घन फुट नहीं बल्कि तौल के हिसाब से शुरू हो गई है। इसके साथ ही इसकी बिक्री भी गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लेकर होने लगी है। राजस्थान से मालगाड़ी में आई मौरंग को खरीदने के लिए रविवार को पनकी शेड में दिन भर ट्रकों की लाइन लगी रही।
मौरंग के संकट की वजह से सीमेंट की बिक्री पिछले छह माह में 20 फीसद ही रह गई थी। तमाम बड़े प्रोजेक्ट की रफ्तार कम हो गई थी। इसे देखते हुए सीमेंट कारोबारी नवीन डारोलिया ने मौरंग को राजस्थान से मंगाने की शुरुआत की। उन्होंने राजस्थान की दुबई बनास खनन से मौरंग लेकर सवाई माधौपुर स्टेशन पर मालगाड़ी में लोड कराया। रविवार दोपहर तक मौरंग की अनलोडिंग होती रही। वहीं से इसकी बिक्री भी हुई। इसमें पहली बार मौरंग की बिक्री में बिलिंग में दो नई चीजें नजर आईं।
इसमें जीएसटी के तहत पांच फीसद टैक्स लगाया गया और इसे वजन के हिसाब से दिया गया। उनके मुताबिक वह राजस्थान में पांच फीसद के हिसाब से करीब चार लाख रुपये जीएसटी देकर आए हैं। इसलिए यहां भी जीएसटी पर ही माल बेच रहे हैं। उन्हें तो पूरा आइटीसी मिल जाएगा। साथ ही उत्तर प्रदेश में उपभोग होने की वजह से यहां का राजस्व बढ़ेगा। इस माह अभी 10 और रैक आएंगी, जिसमें 40 हजार टन मौरंग होगी।