लखनऊ: केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में तीन दिन से एसी खराब था। यहां के आइसीयू में भर्ती मरीज गर्मी से बेहाल हो गए। यूनिटों में तापमान सही रखने के लिए स्टाफ को खिड़की खोलनी पड़ गई। ऐसे में भर्ती मरीजों में संक्रमण फैल गया। भर्ती कई लोग बुखार की चपेट में आ गए।
केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर के चतुर्थ फ्लोर पर आइसीयू व एनआइसीयू है। इनमें इंसेफलाइटिस से लेकर तमाम बीमारियों के गंभीर बच्चे भर्ती हैं। वहीं पांचवें फ्लोर पर आरआइसीयू व सीसीएम यूनिट है। इनमें किडनी, लिवर, पल्मोनरी समेत गंभीर मरीजों का इलाज चल रहा है। इन दोनों तलों पर रविवार से एसी बंद हो गई। अफसरों की लापरवाही के चलते तीन दिनों तक एसी सही नहीं की जा सकी। ऐसे में मरीज गर्मी से परेशान हो गए और उनमें संक्रमण फैल गया।
डिस्चार्ज होना था, फिर भर्ती: ट्रॉमा के स्टाफ के मुताबिक कई मरीज यूनिट से डिस्चार्ज होने वाले थे। मगर मंगलवार को बुखार आने पर उन्हें फिर डिस्चार्ज नहीं किया गया। विशेषज्ञों की मानें तो आइसीयू में पंखा चलाने से भी संक्रमण एक मरीज से दूसरे मे फैल जाता है। उधर, तीमारदारों के हंगामे के बाद मंगलवार शाम एसी सही किए गए।
क्या बोले अधिकारी: सीसीएम के इंचार्ज डॉ. अविनाश ने कहा कि पंखा चलाकर मरीजों को राहत देने का प्रयास किया गया। यूनिट में भर्ती कुछ मरीजों को बुखार की समस्या आई है। सभी को रिकवर कर लिया जाएगा। वहीं, सीएमएस डॉ. एसएन शंखवार ने कहा कि एसी प्लांट की मोटर खराब हो गई थी। मरीजों के संक्रमण संबंधी कोई जानकारी नहीं मिली है।
50 फीसद मरीज चपेट में: ट्रॉमा में सीसीएम में 18 बेड, आरआइसीयू में 18 बेड, एनआइसीयू में 50 बेड, पीआइसीयू में 20 बेड हैं। इन यूनिटों में सभी बेड फुल हैं। इन पर भर्ती 50 फीसद मरीज संक्रमण की चपेट में आ गए।