Sunday, March 16, 2025
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लखनऊ: बीस सीटर बस में सवार थे 132 से अधिक यात्री

SI News Today

लखनऊ: हादसे क्यों न हों, जब परिवहन विभाग के संभागीय कार्यालय आंख बंद कर फिटनेस करें और परमिट जारी कर दें। जांच के दौरान आगरा एक्सप्रेस-वे पर एक बस को प्रवर्तन दस्ते ने धर लिया। बीस सवारी में पास बस पर 132 लोग सवार थे। बस के कागज देखते ही जांच दल के होश उड़ गए। धांधली का यह मामला बागपत एआरटीओ कार्यालय का है।

शाम करीब पांच बजे प्रवर्तन दस्ता आगरा एक्सप्रेस-वे पर मंत्री के प्रोटोकाल के लिए खड़ा था। इसी दौरान बस संख्या यूपी17एटी-2091 आती दिखी। प्रवर्तन दस्ते में शामिल पीटीओ नागेंद्र वाजपेई, एसपी देव, अनीता वर्मा ने उसे रुकने का इशारा किया। चालक से जब कागज मांगे गए तो पता चला कि परमिट 20 सीट में पास है जबकि बस में 132 सवारियां मिलीं और बागपत एआरटीओ कार्यालय से अप्रैल 2017 में परमिट का नवीनीकरण और इसी माह में फिटनेस भी जारी किया गया है। बस में मनमाने तरीके से 24 बर्थ और 21 सीट बनवाई गई थीं। बस डबलडेकर के रूप में तैयार की गई थी।

कैसे बना परमिट और कैसे हो गई फिटनेस
परमिट नवीनीकरण की बात तब आती है जब परमिट पहले से लिया गया हो। यानी यह बस लंबी अवधि से संचालित की जा रही थी। मतलब यह बस सिद्धार्थनगर बस्ती से दिल्ली रूट पर अरसे से चलाई जा रही थी। क्या जिम्मेदार एआरटीओ कार्यालय के कर्मियों पर कार्रवाई होगी या हमेशा की तरह फिर अनदेखा किया जायेगा।

बड़ा सवाल: कैसे गुजर जाती थी बस दर्जनभर चेक पोस्ट से
बस सिद्धार्थनगर से बस्ती, फैजाबाद, बाराबंकी, लखनऊ, उन्नाव, कन्नौज, इटावा, फिरोजाबाद, आगरा, मथुरा, बागपत, नोएडा होते हुए दिल्ली पहुंचती है। यह बड़ा सवाल है कि कैसे इतने जिलों के प्रवर्तन दस्तों की आंख में धूल झोंकते हुए यह चल रही थी।

छोड़ दी गई बस
प्रवर्तन दल एसपी देव एवं नागेंद्र वाजपेई ने बताया कि बस के कागजात और चालक का डीएल ले लिया गया है। परिवहन मंत्री के निर्देशानुसार एक्सप्रेस वे पर 132 सवारियों के लिए कोई व्यवस्था तत्काल न होने के कारण उसे फिलहाल यात्रियों को गंतव्य तक पहुंचाने के लिए छोड़ दिया गया है। उच्चाधिकारियों को भी अवगत करा दिया गया है।

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