लखनऊ: पिछले महीने राजधानी स्थित किंग जार्ज मेडिकल कॉलेज (KGMU) के ट्रॉमा सेंटर में हुई अग्निकांड मामले में जांच के बाद 5 अफसरों पर गाज गिरी है। अग्निकांड की जांच कमिश्नर द्वारा की गई। कमिश्नर द्वारा दिए गए रिपोर्ट और शासन के निर्देश पर मेडिकल कॉलेज में कार्यरत अधिशासी अभियंता दिनेश राज, रामविलास वर्मा, जूनियर इंजीनियर एसपी सिंह, उमेश चंद्र यादव, जूनियर इंजीनियर एवं फार्मासिस्ट प्रमोद कुमार पांडे को निलंबित कर दिया गया है। बता दें, इस अग्निकांड के दौरान अफरा-तफरी और दहशत में 5 से अधिक लोगों की मौत हो गई थी। आगे पढ़िए कैसे हुआ हादसा…
– डॉ. एसएन शंखवार ने बताया था, आग हॉस्पिटल के दूसरे-तीसरे फ्लोर पर लगी। माना जा रहा था कि एयरकंडीशन में शॉर्ट सर्किट की वजह से आग लगी।
– आग और धुआं उठता देख हॉस्पिटल में अफरा-तफरी मच गई। कई मरीज वॉर्ड से निकलकर गिरते-पड़ते भागे। करीब 150 मरीजों को 8 अलग-अलग सरकारी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।
-मरीजों की शिफ्टिंग के दौरान 5 मरीजों की मौत हो गई। हालांकि, हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन का कहना था कि इतने बड़े हॉस्पिटल में हर दिन कुछ मौतें होती हैं। हादसे से इनका संबंध नहीं है।
37 मरीज वेंटिलेटर पर थे
– बताया गया कि हादसे के वक्त ट्रॉमा सेंटर में करीब 300 मरीज भर्ती थे, इनमें से 37 वेंटिलेटर पर थे। 100 से ज्यादा मरीज को शताब्दी मेडिकल कॉलेज में शिफ्ट किया गया। वहीं, ट्रॉमा सेटर की पार्किंग में नॉर्मल मरीजों के बेड शिफ्ट किए गए। कुछ मरीजों को गांधी वार्ड और कई प्राइवेट यूनिट में शिफ्ट किया गया।
देर रात बुझाई जा सकी थी आग
– फायर ब्रिगेड की करीब 15-20 गाड़ियों की मदद से इसे देर रात बुझाया जा सका था। हॉस्पिटल की कई मशीनें और इक्युपमेंट्स आग में जल गए थे।
– हादसे की खबर लगते ही कलेक्टर कौशल राज शर्मा और एसएसपी दीपक कुमार समेत कई बड़े अफसर मौके पर पहुंच गए थे। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी हर मुमकिन मदद का भरोसा दिलाया था।
– सीएम ने कमिश्नर को इस घटना की 3 दिन में जांच कर रिपोर्ट पेश करने को कहा था।