लखनऊ: मुलायम सिंह यादव की प्रेस कांफ्रेंस से शिवपाल यादव की गैरमौजूदगी से कई सवाल खड़े हुए हैं. शिवपाल को मुलायम सिंह का बेहद करीबी माना जाता है. दो दिन पहले मुलायम सिंह ने रामगोपाल यादव को हटाकर शिवपाल को लोहिया ट्रस्ट का सचिव बनाया था. उसके बाद रविवार को दो बार शिवपाल ने मुलायम सिंह से मुलाकात की थी. इन सबके चलते इनके मोर्चे के गठन संबंधी अटकलें लगाई जा रही थीं. लेकिन मुलायम सिंह ने साफतौर पर इस तरह की संभावना को इनकार कर दिया.
इसके साथ ही किसी दौर में सपा के कद्दावर चेहरा रहे शिवपाल यादव का अब पार्टी में सियासी सफर समाप्त होता दिख रहा है. पार्टी की कमान अखिलेश के हाथों में जाने के बाद से हाशिए पर चल रहे शिवपाल यादव ने जून में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के गठन का ऐलान किया था लेकिन इसने अभी तक कोई मूर्त रूप नहीं लिया था. सोमवार को मुलायम सिंह की बहुप्रतीक्षित प्रेस कांफ्रेंस से पहले तक माना जा रहा था कि यदि मुलायम सिंह यादव सपा से अलग रुख करते हैं तो यह मोर्चा अस्तित्व में आ सकता है.
इन तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए मुलायम सिंह ने स्पष्ट कर दिया कि वह कोई नई पार्टी नहीं बनाएंगे. इसका सीधा सा मतलब है कि मुलायम सिंह यादव सपा से बाहर नहीं जाएंगे और इसके साथ ही यह भी तय है कि अब शिवपाल का कोई सियासी भविष्य भी पार्टी में नहीं है. इससे एक बात और भी साफ हो गई है कि यदि शिवपाल सपा को छोड़ते हैं तो उनके लिए मुलायम सिंह यादव का समर्थन हासिल करना आसान नहीं होगा.