लखनऊ: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने राज्यसभा चुनाव में रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया के समर्थन को लेकर बड़ा बयान दिया है. अखिलेश ने कहा है कि लगता नहीं कि वे हमारे साथ हैं. दरअसल, यूपी में हाल ही में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हुए हैं. जिसमें एक सीट पर बहुजन समाज पार्टी के टिकट पर भीमराव अंबेडकर ने चुनाव लड़ा और वो हार गए. इस चुनाव में राजा भैया की भूमिका को लेकर बड़े सवाल उठे.
अखिलेश यादव ने शनिवार को लखनऊ में पत्रकारों से बात करते हुए उनके बारे में कहा, ‘हमें राजा भैया के बारे में कुछ नहीं कहना है, उन्हें खुद सोचना चाहिए कि उन्होंने क्या किया. लगता नहीं है कि वे हमारे साथ हैं.
योगी से मिले थे राजा भैया
राज्यसभा चुनावों में सपा और बीएसपी के बीच एकदूसरे को समर्थन देने का करार हुआ था. मायावती ने अखिलेश यादव के वादे पर अपना उम्मीदवार उतारा था. लेकिन कई विधायकों के खुलकर क्रॉस वोटिंग होने से उन्हें हार का सामना करना पड़ा. राजा भैया भी राज्यसभा में वोट डालने के बाद सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात करने के लिए चले गए थे.
सपा-बसपा का साथ नहीं था पसंद
हालांकि राजा भैया ने सपा-बसपा गठबंधन पर पहले ही नाराजगी जता दी थी. उन्होंने कहा कि वह सपा के साथ हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वे बीएसपी उम्मीदवार को वोट देंगे. उन्होंने अपने एक ट्वीट में कहा था, ‘न मैं बदला हूं, न मेरी राजनैतिक विचारधारा बदली है, ‘मैं अखिलेश जी के साथ हूं,’ का ये अर्थ बिल्कुल नहीं कि मैं बसपा के साथ हूं.’ अखिलेश यादव ने भी सपा को वोट करने के लिए राजा भैया का शुक्रिया अदा किया था. लेकिन बाद में संदेह होने पर उन्होंने अपने ट्वीट को हटा दिया था.
BJP ने राजा भैया को बताया राम अवतार
इन चुनावों में बीएसपी को मात देकर विजयी हुई बीजेपी के अनिल अग्रवाल ने दो दिन पहले ही राजा भैया का शुक्रिया अदा करते हुए कहा था कि निर्दलीय विधायक राजा भैया ने उनकी नैया को बिल्कुल राम अवतार में पार कराई है. उन्होंने बात करते हुए कहा कि दो प्रमुख खिलाड़ियों ने बीजेपी की किस्मत ही बदल कर रख दी. उन्होंने कहा, राजा भैया एक पवित्र हिंदू हैं, जिनके घर का नाम भी रामायण है. उन्होंने राम अवतार में आकर मेरी जीत सुनिश्चित की.’
कुंडा के गुंडा
राज्यसभा चुनाव में हार के बाद मायावती ने अखिलेश यादव को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया साथ ही अखिलेश को सलाह दी कि यदि अखिलेश कुंडा के गुंडा के जाल में न फंसते तो बीएसपी प्रत्याशी जीत जाता. उन्होंने कहा कि अखिलेश अभी राजनीति में नए हैं. इसलिए उनसे यह गलती हुई है.