Glory across the world! Something different will be the view of Aquarius …
लखनऊ: उत्तर प्रदेश सरकार 2019 के प्रयाग कुंभ मेले को दुनिया भर में भव्य रूप में प्रस्तुत करने की तैयारी कर रही है. विदेशी मेहमानों के ठहरने के लिए पांच हजार कॉटेज की सुविधा वाला ‘टेंट सिटी’ बसाया जाएगा तो वही लगभग पांच हजार धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक संगठनों ने कैंप लगाने के आवेदन किये हैं. राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि ‘कई मायनों में आगामी कुंभ पिछले सभी आयोजनों से अलग होने जा रहा है. यूनेस्को द्वारा कुंभ को विश्व की सांस्कृतिक धरोहरों में शामिल किये जाने के बाद अब प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के साथ-साथ केन्द्र सरकार भी प्रयाग कुंभ की भव्यता को दुनियाभर में ब्रांडिंग के साथ चमकाने के प्रयास में है.’’
मेले में 193 देशों से कुल मिलाकर 10 लाख विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है
प्रयाग कुंभ मेला अगले वर्ष 14 जनवरी (मकर संक्रांति) से शुरू होकर चार मार्च (महाशिवरात्रि) तक चलेगा. प्रवक्ता ने बताया कि मेले में 193 देशों से कुल मिलाकर 10 लाख विदेशी पर्यटकों के आने की संभावना है. राज्य सरकार सभी विदेशी राजदूतों को भी कुंभ में आने का निमंत्रण देगी. उन्होंने बताया कि कुंभ 2019 के लिए दस हजार बसों का इंतजाम किया जायेगा. विशेष ध्यान पूर्वांचल पर होगा क्योंकि प्रदेश के इसी हिस्से से सबसे अधिक तीर्थयात्री बसों के जरिए कुंभ मेले में पहुंचेंगे. प्रवक्ता ने बताया कि कुंभ से पहले इलाहाबाद को देश के तमाम बड़े शहरों से रेल और सड़क मार्गों के साथ-साथ हवाई एवं जलमार्गों से भी जोड़ दिया जाएगा.
विदेशी मेहमानों को ठहराने के लिए छतनाग के आसपास टेंट सिटी बसाई जाएगी
उन्होंने बताया कि विदेशी मेहमानों को ठहराने के लिए छतनाग के आसपास टेंट सिटी बसाई जाएगी जहां करीब 5,000 कॉटेज बनाए जाएंगे. सभी प्रमुख रेलवे स्टेशनों और हवाई अड्डों पर विदेशी भाषाओं के जानकार गाइडों की तैनाती की जाएगी. प्रवक्ता ने बताया कि खासतौर पर विदेशी मेहमानों के लिए इलाहाबाद से वाराणसी के बीच शताब्दी स्तर की दो ट्रेनें चलाने की योजना है. इस रूट पर पटरियों को दुरूस्त किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस बार कुंभ मेले का क्षेत्रफल सबसे अधिक यानी 2500 हेक्टेयर होगा, जिसमें 20 सेक्टर होंगे.
‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’ की थीम के साथ सरकार कुंभ मेले की तैयारियों पर युद्धस्तर पर लग चुकी है
हर सेक्टर में 1,000 से लेकर 2,000 बेड के रैन बसेरे होंगे. पूरे मेले के दौरान शहर के सभी प्रमुख ऐतिहासिक स्मारकों को लाइटों से जगमग किया जाएगा. ‘दिव्य कुंभ, भव्य कुंभ’ की थीम के साथ सरकार कुंभ मेले की तैयारियों पर युद्धस्तर पर लग चुकी है और राज्य सरकार के ब्लूप्रिंट के मुताबिक कुंभ के दौरान छह पवित्र स्नानों में से एक मौनी अमावस्या के दिन तीन करोड़ श्रद्धालुओं के इलाहाबाद में आने की उम्मीद है. प्रवक्ता ने बताया कि छह साल पहले हुए महाकुंभ में 3500 धार्मिक और सामाजिक संगठनों ने कैंप लगाए थे.
इस बार पहले ही पांच हजार धार्मिक और सामाजिक संगठन कैंप लगाने के आवेदन कर चुके हैं
इस बार पहले ही पांच हजार धार्मिक और सामाजिक संगठन कैंप लगाने के आवेदन कर चुके हैं. उन्होंने बताया कि कुंभ में इस बार 20 लाख एनआरआई (अनिवासी भारतीय) के भी आने की संभावना है. यहां तक कि सरकार वाराणसी में 24 जनवरी को होने वाले 15वें प्रवासी भारतीय दिवस के बाद वहां से पांच हजार एनआरआई को सीधे इलाहाबाद ले जाने के लिए विशेष ट्रेन भी चलाएगी.
गंगा, यमुना तथा सरस्वती नदियों के पावन संगम पर स्थित प्रयागराज में प्राचीन समय से होने वाले विश्व के विशालतम कुम्भ पर्व को राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसके आध्यात्मिक एवं सांस्कृतिक महत्व को और प्रभावी एवं व्यापक बनाए जाने के लिए सरकार अथक प्रयास कर रही है.