लखनऊ: प्रदेशवासियों को महंगे पेट्रोल-डीजल का झटका लग सकता है। योगी सरकार, जीएसटी के चलते प्रवेश कर से बंद होने वाली कमाई की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम में दो-तीन रुपये लीटर तक का इजाफा कर सकती है। इस संबंध में वाणिज्यकर आयुक्त ने शासन को प्रस्ताव भेजा है।
वित्त मंत्री के स्तर पर प्रस्ताव पर चर्चा भी हो चुकी है। दरअसल, 30 जून तक राज्य में ज्यादातर पेट्रोलियम उत्पाद पर वैट के साथ ही प्रवेश कर भी लागू था। पहली जुलाई से लागू जीएसटी के दायरे से पेट्रोल-डीजल आदि के बाहर रहने से उस पर वैट तो नहीं घटा लेकिन, प्रवेश कर खत्म हो गया है।
गौर करने की बात यह है प्रवेश कर से सरकार को सालाना तकरीबन 2500 करोड़ रुपये की कमाई हो रही थी। चूंकि सूबे की वित्तीय स्थिति पहले से ही बेहतर नहीं है इसलिए 2500 करोड़ रुपये की भारी-भरकम धनराशि की भरपाई के लिए वाणिज्य कर विभाग ने प्रस्ताव तैयार किया है।
वाणिज्य कर आयुक्त मुकेश मेश्रम ने बताया कि जीएसटी के चलते अब प्रवेश कर समाप्त हो गया है। ऐसे में होने वाले राजस्व के नुकसान की भरपाई के लिए पेट्रोल-डीजल के दाम में इजाफा संबंधी प्रस्ताव शासन को भेजा गया है।
सूत्रों के मुताबिक प्रस्ताव भले ही तैयार हो चुका है लेकिन, मंगलवार से शुरू हो रहे बजट सत्र और जीएसटी को लेकर अफरा-तफरी के मद्देनजर सरकार पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ाने को कुछ समय के लिए टाल सकती है।
सरकार ने वाणिज्य कर (जीएसटी) से 62069.10 करोड़ कर राजस्व हासिल करने का लक्ष्य रखा है जिसमें से सिर्फ तेल से ही 18268.72 करोड़ की आय का लक्ष्य रखा है।
पेट्रोल पर 35.50 व डीजल पर 21.29 फीसद टैक्स: जीएसटी से बाहर पेट्रोल पर जहां 35.50 फीसद वहीं डीजल पर 21.29 फीसद टैक्स है। ऐसे में राज्य सरकार को इधर प्रति लीटर पेट्रोल पर 16.74 रुपये व डीजल पर 9.41 रुपये मिल रहे हैं। वैसे तो पेट्रोल-डीजल के दाम रोजाना बढ़ते-घटते रहते हैं लेकिन, पहली जुलाई को जीएसटी लागू होने के साथ ही प्रवेश कर समाप्त होने के बाद राज्य में पेट्रोल 66.51 रुपये व डीजल का 55.06 रुपये लीटर था।
यूपी में दिल्ली-हरियाणा से महंगा है तेल: उत्तर प्रदेश में दिल्ली व हरियाणा राज्य से कहीं ज्यादा पेट्रोल-डीजल पहले से ही महंगा है। हालांकि, पड़ोसी राज्य मध्य प्रदेश, झारखंड, उत्तराखंड, महाराष्ट्र, पश्चिम बंगाल, तेलंगाना व आंध्रप्रदेश में यहां से पेट्रोल आठ रुपये व डीजल पांच रुपये लीटर तक महंगा है।
वित्तमंत्री राजेश अग्रवाल के समक्ष हुई चर्चा: कमाई बढ़ाने को लेकर वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल की अध्यक्षता में गठित संसाधन समिति की पहली बैठक में प्रवेश कर से 2500 करोड़ रुपये के नुकसान की भरपाई संबंधी प्रस्ताव पर चर्चा हुई है। सूत्रों के मुताबिक बैठक में वाणिज्य कर अधिकारियों ने कहा चूंकि पेट्रोल-डीजल के दाम में पूर्व के वर्षों की भांति बढ़ोतरी नहीं हुई है।
दो से तीन रुपये की वृद्धि: प्रवेश कर के बंद होने से होने वाले नुकसान की भरपाई की सीमा तक पेट्रोल-डीजल पर कर की दर में वृद्धि की जा सकती है। विभागीय अधिकारियों के मुताबिक पेट्रोल-डीजल के दाम में दो-तीन रुपये प्रति लीटर का इजाफा करने से 2500 करोड़ रुपये का अतिरिक्त राजस्व हासिल हो जाएगा।