Munna lost the desire to become an MP! This was the plan: Bajrangi case
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डॉन मुन्ना बजरंगी का खात्मा 9 जुलाई की सुबह बागपत की जेल में हुआ जब सुनील राठी ने पूरी की पूरी मैगजीन मुन्ना बजरंगी के सिर में उतार दी. मुन्ना की हत्या के पीछे शुक्रवार को चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. बताया जा रहा है कि 2019 लोकसभा चुनाव की तैयारियों में मुन्ना बजरंगी अभी से जुट गया था. मुन्ना जौनपुर से सांसद का चुनाव लड़ना चाहता था. लेकिन ये बात जौनपुर के पूर्व माफिया को खटक रही थी. इसलिए उसने मुन्ना को मारने के लिए 10 करोड़ की सुपारी दे दी. पुलिस सूत्रों की मानें तो जौनपुर के एक बैंक से 7 करोड़ रुपये ट्रांसफर किए गए थे. वहीं वारदात के कुछ दिन पहले 3 करोड़ रुपये खाते से निकाले गए थे. करोड़ों के ट्रांजेक्शन का मामला सामने आने के बाद पुलिस जांच में जुट गई है.
यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने मुन्ना बजरंगी की हत्या के मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए हैं. योगी ने कहा, ‘जेल में हुई हत्या बहुत गंभीर मामला है. मामले की गहराई से जांच होगी. दोषियों को बख्शा नहीं जाएगा.’ इससे पहले बीते 29 जून को मुन्ना की पत्नी सीमा सिंह ने लखनऊ प्रेस क्लब में कॉन्फ्रेंस करके एनकाउंटर का भी अंदेशा जताते हुए सीएम से गुहार लगाई थी. यानी डाॅन की पत्नी का अंदेशा सच साबित हुआ. इस बीच बागपत के डीएम ने मुन्ना बजरंगी हत्याकांड में अपनी प्रारंभिक रिपोर्ट शासन को भेज दी है. गौरतलब है कि सोमवार सुबह 6 बजे सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की गोली मारकर हत्या कर दी और पिस्टल को गटर में फेंक दिया था. जिसे पुलिस ने घटना के दूसरे दिन बागपत जेल से बरामद कर लिया था.
बड़ा आदमी बनने का था सपना
मुन्ना बजरंगी का असली नाम प्रेम प्रकाश सिंह है. उसका जन्म 1967 में उत्तर प्रदेश के जौनपुर जिले के पूरेदयाल गांव में हुआ था. उसके पिता पारसनाथ सिंह उसे पढ़ा-लिखाकर बड़ा आदमी बनाने का सपना संजोए थे. मगर प्रेम प्रकाश उर्फ मुन्ना बजरंगी ने उनके अरमानों को कुचल दिया.
17 साल की उम्र में पहला अपराध
मुन्ना बजरंगी ने केवल पांचवीं क्लास तक पढ़ाई की थी. उसके बाद वह दूसरे रास्ते पर आगे बढ़ता चला गया. 17 साल की उम्र में वह अपराध की दुनिया में छा गया. तब उसके खिलाफ पुलिस ने अवैध हथियार रखने का पहला मामला दर्ज किया था.
40 हत्याओं का आरोप
मुन्ना बजरंगी पर 40 हत्याओं, लूट, रंगदारी की घटनाओं में शामिल होने का केस दर्ज है. मुन्ना बजरंगी पूरे यूपी की पुलिस और एसटीएफ के लिए सिरदर्द बना हुआ था. पुलिस के मुताबिक, लखनऊ, कानपुर और मुंबई में उसके खिलाफ कई केस दर्ज हैं. बजरंगी पर सरकारी ठेकेदारों से रंगदारी मांगने और हफ्ता वसूलने का भी आरोप था.