Thursday, November 21, 2024
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योगी सरकार में भ्रष्टाचारियों ने पकड़ी दुगनी रफ्तार – एक ही राशन कार्ड में दर्ज हैं अलग अलग जाति के लोग।

SI News Today

People of different castes are registered in the same ration card.

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उत्तर प्रदेश में योगी सरकार जहाँ प्रदेश में भ्रष्टाचार और अपराध जड़ से खत्म करने की बात कर रही है, वहीं दूसरी तरफ प्रदेश के मऊ जिले में पिछले कई वर्षों से खुले आम हो रहे खाद्यान्न घोटालों ने योगी सरकार में रफ्तार और तेज़ पकड़ ली है। आपको यह जानकर हैरानी होगी की मऊ जनपद में अब तक हुए करोड़ों रुपये के अनाज घोटाले की शिकायत मुख्यमंत्री,उपमुख्यमंत्री से लेकर खाद्य रसद मंत्री अतुल गर्ग तथा तमाम आला अधिकारियों से की गई है लेकिन जिस तरह से इन शिकायतों पर उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चुप्पी साधी गयी है यह सरकार की मंशा पर भी प्रश्नचिन्ह लगाता है,और तो और मऊ जिले के प्रभारी मंत्री नंदगोपाल नंदी द्वारा शिकायत सामने आने पर कड़ी कार्यवाही का आश्वासन भी दिया गया था लेकिन बाद में उनके द्वारा भी इस मामले पर पूर्णतः मौन धारण कर लिया गया है। सूत्रों की माने तो शिकायत होने के बाद उनकी तस्वीर जिले के भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी के साथ वायरल हुई थी जिसके बाद से अभी तक कहीं भी कोई कार्यवाही देखने को नहीं मिली है। मऊ जनपद में आधार ऑथेंटिकेशन में गड़बड़ी करके जिलापूर्ति अधिकारी कोटेदारों के साथ मिलकर बड़े पैमाने पर राशन की चोरी करता रहा है और अब बिहार के आधार कार्ड पर फर्जी राशनकार्ड बनवा कर खाद्यान्न की चोरी लगातार करवा रहा है। हमारे द्वारा पड़ताल करने पर हमको एक अनोखा राशनकार्ड मऊ जनपद के नगरपालिका क्षेत्र स्थित दिकामगर अल्हदादपुरा नामक दुकान से बरामद हुआ है जिसकी कार्ड संख्या०- 119240179370 है तथा जो पात्र गृहस्थी बबिता कुमारी पुत्री भोला के नाम से दर्ज है। इस राशन कार्ड में सदस्यों की संख्या सात दर्ज है जिनके नाम क्रमशः पुष्पेंद्र कुमार रेंगर,ओम प्रकाश मधेसिया, प्रकाश कुमावत, रणजीत सिंह राजपूत, कन्हैया लाल अहीर व अमित सिंह जोशी है व इन सबके पिता का नाम क्रम से राधेश्याम दर्ज है।

चौकानें वाली बात तो यह है कि आखिर किस प्रकार एक ही परिवार के होने के बावजूद परिवार के हर सदस्यों की जातियां व वर्ग भिन्न कैसे हैं। पिछले कुछ बीते दिनों की बात करें तो प्रदेश के कई जिलों में इस तरह के घोटाले खुलकर सामने आये हैं जिन पर योगी सरकार द्वारा सख्त कदम भी उठाये गए हैं,लेकिन आँकड़ो के हिसाब से मऊ जनपद का खाद्यान्न घोटाला अब तक का सबसे बड़ा खाद्यान्न घोटाला जान पड़ता है लेकिन फिर भी इस मामले पर प्रदेश की भाजपा सरकार के मंत्रियों व विभाग के आलाकमान अफसरों की खामोशी रहस्यमय प्रतीत होती है।


भाजपा सरकार ने एक तरफ जहाँ कश्मीर मुद्दे पर ऐतिहासिक बिल पास करा कर आम जनमानस के मन मे एक अलग ही छवि बना दी है, वहीं प्रदेश सरकार के कुछ मंत्री व अफसर इसी सकारात्मक छवि की ओट में अपनी काली करतूतों को अंजाम देने में लगे हैं, मऊ जनपद का खाद्यान्न घोटाला इस बात का सबसे बड़ा उदाहरण है जहाँ पर सरकार के मन्त्री मऊ जिले के भ्रष्ट जिलापूर्ति अधिकारी नरेंद्र तिवारी के लिए ढाल बने हुए हैं। आखिरकार यह कैसे संभव हो सकता है की जिले में हो रहे करोड़ों के घोटाले की भनक जिले से सम्बंधित मंत्री व विभाग से संबंधित मंत्रियों व अधिकारियों को ना हो। अगर उत्तर प्रदेश भाजपा सरकार अपनी कथनी करनी में अंतर ना करते हुए इस मामले पर गहन जांच करवाती है तो इस कालिख से जिले ही नहीं अपितु लखनऊ में बैठे आलाकमानों के हाथ भी रँगे नज़र आएंगे।

 

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