Petrol-diesel rates are rising steadily in UP
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तेल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी के पीछे सबसे बड़ी वजह डॉलर के मुकाबले रुपये का गिरना है। रुपये में लगातार गिरावट आने से तेल कंपनियां भी लगातार कीमतों में बदलाव कर रही हैं, क्योंकि तेल कंपनियों को कीमतों का भुगतान डॉलर में करना पड़ता है, जिसकी वजह से उन्हें अपना मार्जिन पूरा करने के लिए तेल की कीमतों में इजाफा करना पड़ रहा है। लगातार बढ़ते पेट्रोल-डीज़ल के कीमत की वजह से देश भर में लोग पेरशान है. बढ़ते पेट्रोल-डीज़ल के कीमत का असर सीधे तौर पार लोगों की जेबों पर हो रहा है।
वहीं उत्तर प्रदेश में भी यही हाल देखने को मिल रहा है जहाँ लगातार बढ़ रहे रेट से लोग गुस्से में है। जहाँ इस वक़्त पेट्रोल का रेट 81.71₹ प्रतिलीटर पहुँचा चुका है तो वहीं डीजल 74 ₹ प्रतिलीटर का पारा पार कर चुका है।
हालंकि ये कहना गलत नहीं होगा कि लगातार महंगे होते तेल से कंपनियों का खजाना भर रहा है. आप जानकर हैरान रह जाएंगे कि सिर्फ एक साल के भीतर महज सरकारी कंपनियों ने 1292564.93 करोड़ का कारोबार किया है. जिसमें 68598.08 करोड़ रुपये तो शुद्ध मुनाफा है. वित्त वर्ष 2017-18 के दौरान सरकारी तेल एवं गैस कंपनियों की कमाई का पेट्रोलियम मंत्रालय ने ब्यौरा उपलब्ध कराया है. जिसके मुताबिक इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 509,842 करोड़ का कारोबार और 21,346.00 करोड़ रुपये का मुनाफा कमाया.
इसी तरह भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 277,162.23 करोड़ का कारोबार और 7,919.34 करोड़ का मुनाफा कमाया, हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉरपोरेशन लिमिटेड ने 244,085.12 करोड़ और 6357.07 करोड़, तेल और प्राकृतिक गैस निगम ने 85004.00 और 19945.00 करोड़ का मुनाफा कमाया.
वहीं गेल ने 53690 करोड़ का कारोबार और 4618.00 रुपये का मुनाफा कमाया. मंगलौर रिफाइनरी एंड पेट्रोकेमिकल्स लिमिटेड, चेन्नई पेट्रोलियम कारपोरेशन, ऑयल इंडिया लिमिटेड, बामर लॉरी एंड कंपनी लिमिटेड और इंजीनियरिंस इंडिया लिमिटेड ने भी अच्छा-खासा कारोबार और मुनाफा अर्जित किया.