'Purvanchal Express-Way' chemistry with the public: Mayawati
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बसपा प्रमुख मायावती ने शनिवार (14 जुलाई) को कहा कि अब जबकि लोकसभा का आम चुनाव नज़दीक आ गया है तो केन्द्र तथा उत्तर प्रदेश में भाजपा सरकार को विभिन्न योजनाओं के शिलान्यास की सूझी है. उन्होंने कहा कि इस प्रकार के चुनावी फैसलों को आम जनता छलावे के रूप में ही देखती है और इसी क्रम में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा आज आज़मगढ़ में ‘पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे’ की आधारशिला रखी गयी है. मायावती ने जारी एक बयान में कहा कि ‘जेवर अन्तरराष्ट्रीय हवाई अड्डा’ सहित ग्रेटर नोएडा से बलिया तक आठ-लेन वाली ’’गंगा एक्सप्रेस-वे’’ आदि की रूपरेखा बसपा की सरकार में ही तैयार करके इस पर आधारभूत काम भी शुरू कराया गया था. यह सभी जानते हैं. उन्होंने कहा कि ‘ताज एक्सप्रेस-वे’ का काम बसपा सरकार में ही पूरा किया गया था. हालांकि बाकी इन सब कार्यों को भी काफी हद तक बसपा की सरकार में ही पूरा किया जा सकता था, यदि उस समय की केन्द्र की कांग्रेस सरकार इन सब कार्यों को करने के लिये हमें अनापत्ति प्रमाण पत्र दे देती, लेकिन ऐसा नहीं किया गया.
मायावती ने कहा कि चुनावी आश्वासनों व कोरी राजनीतिक बयानबाज़ियों से उत्तर प्रदेश का पिछड़ापन तथा यहाँ के लोगों की जबर्दस्त ग़रीबी, कुण्ठा पैदा करने वाली बेरोज़गारी और महंगाई की मार कम होने वाली नहीं है, बल्कि इसके लिये योजनाबद्ध तरीके से लगातार पूरी लगन तथा ईमानदारी के साथ काम किये जाने की जरूरत है.
पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे के निर्माण से यूपी के इन 9 जिलों को होगा सबसे ज्यादा फायदा
उत्तर प्रदेश में दो सबसे ज्यादा चर्चित यमुना एक्सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्सप्रेस-वे के बाद एक बार फिर एक नया हाईवे चर्चा का विषय बना हुआ है. जिसे पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे नाम दिया गया है. उत्तर प्रदेश में पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे भारत का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे बनने वाला है. पूर्वांचल एक्सप्रेसवे लखनऊ जिले के चंदसराय से शुरू होकर उत्तर प्रदेश के जिला गाज़ीपुर के हैदरिया तक बनेगा. जानकारी के मुताबिक, इसको इंजीनियरिंग, खरीद और निर्माण (ईपीसी) के मोड पर विकसित किया जाएगा. इसके निर्माण से उत्तर प्रदेश के नौ जिलों को काफी फायदा होगा.
पूर्वांचल हाईवे पूरी तरह कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा
पूर्वांचल हाईवे पूरी तरह कंट्रोल्ड एक्सप्रेस-वे होगा. इसके बनने के बाद दुर्घटनाओं में कमी के साथ प्रदूषण स्तर, ईंधन की बचत तो होगी ही. साथ ही यात्रियों के समय का भी बचाव होगा. इस एक्सप्रेस-वे के बनने से नौ जिलों के साथ-साथ उन लोगों को भी फायदा होगा. जो इन जिलों की सीमा के आस-पास आते हैं. एक्सप्रेस-वे के बनने से इसके आस-पास नए शैक्षिक संस्थान, औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान, चिकित्सा संस्थान आदि का निर्माण हो सकता है, जो पूर्वांचल के लोगों को राहत के साथ रोजगार भी देंगे.
ये पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा
इस योजना में उत्तर प्रदेश के 9 जिले लखनऊ, सुल्तानपुर, फैजाबाद, अम्बेडकरनगर, आजमागढ़, बाराबंकी, अमेठी, मऊ और गाजीपुर शामिल होंगे. इन पूर्वांचल जिलों के साथ सड़क मार्ग से बिहार जाने वाले यात्रियों के लिए भी पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे काफी सहायक होगा. मौजूदा आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस-वे से जुड़ने के बाद पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे एक विशाल औद्योगिक गलियारा बन जाएगा. ये पूर्वी उत्तर प्रदेश को पश्चिमी सीमा से जोड़ देगा, जिसके परिणामस्वरूप राज्य के समग्र विकास होगा. पूर्वांचल एक्सप्रेस-वे को अयोध्या, इलाहाबाद, वाराणसी और गोरखपुर से लिंक रोड से जोड़ा जाएगा.