बाइट – अभिषेक अग्रवाल, राष्ट्रीय प्रवक्ता।
Section 497 of the IPC sought the demand of IPC Section without gender discrimination.
#Lucknow #IPC377 #IPC497 #TripleTalaqOrdinance #CriminalMindedWomen
वर्तमान समय मे सुप्रीम कोर्ट ने दो धाराएं IPC 377, 497 को खत्मकर लोगो को स्वच्छंद रूप से रहने का अधिकार तो दिया है लेकिन यह धारा भारत की संस्कृति, परम्परा व रिलीजन की शुद्धता को दूषित तो कर ही सकती है साथ मे संविधान में लिंग विरोधी भी है जिसके विरोध में आज लखनऊ के प्रेसक्लब में अखिल भारतीय पुरुष अधिकार और सम्मान सुरक्षा परिषद ने की प्रेसवार्ता इस मौके पर परिषद के तमाम कार्यकर्ता मौजूद रहे।
आज की हुई इस प्रेसकांफ्रेन्स में अभिषेक अग्रवाल ने मीडिया को बताया 497 धारा को सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः खत्म कर तो दी है पर यह धारा भारतीय संविधान के अनुच्छेद 14 का उल्लंघन करती है व संविधान में भी पहले लिंग विरोधी थी आज भी है। वहीँ इस मुद्दे पर आगे कहा इस धारा के हटने से हमारी, परम्परागत व धार्मिक जीवन शैली में नकारात्मक बदलाव आयेंगे, व्यभिचार व अपराध बढ़ेगा वहीँ राजनीति पर वार करते हुए कहा देश मे सिर्फ वोट को लेकर राजनीति हो रही हैं और हम 497 की धारा पर विकल्प के रूप में IPC की धारा 497 की मांग करते है साथ ही तीन तलाक में सजा का विरोध करते हैं। इसी के साथ देश भर में अपनी मंगो को लेकर हमारा परिषद आंदोलन करेगा और जरूरत पड़ी तो अपना राजीनीतिक दल बनाकर समानता व पुरुष विरोधी कानून के एजेंडे को लेकर बड़े स्तर पर लड़ाई लड़ेगा।
Reported by- खुर्शीद आलम (पत्रकार)