Sunil Rathi pleaded guilty to the murder of Munna Bajrangi, here Mukhtar flew his sleep.
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सुनील राठी ने मुन्ना बजरंगी की हत्या करना स्वीकार कर लिया है। इस मर्डर केस में सुनील राठी का अदालत से रिमांड हो गया है। हत्या का घटनाचक्र बहुत ही संदिग्ध लग रहा है। कुख्यात सुनील राठी और मुन्ना बजरंगी में बहुत अच्छी दोस्ती थी मगर यह दोस्ती चंद सेकेंड में दुश्मनी में कैसे बदल गई कोई नहीं जानता। इस मर्डर केस में जो कहानी पुलिस द्वारा बताई जा रही है, उसकी पटकथा कुछ इस प्रकार है-
सुबह 6 बजे बैरक खुलने पर पहले एक साथ बैठकर दोनों ने चाय पी। इसी दौरान उनकी पुरानी बातें होने लगी। सुनील ने बजरंगी से कहा कि तूने मेरी हत्या कराने की सुपारी दे रखी है, ऐसा मुझे पता चला है। इस पर उल्टा मुन्ना बजरंगी ने कहा कि मैंने नहीं, तूने मेरी हत्या की सुपारी दे रखी है। इसी बीच मुन्ना बजरंगी ने एक पूर्व सांसद को गाली दे दी। इससे सुनील राठी को और गुस्सा आ गया। हत्या की सुपारी देने को लेकर हुए विवाद में दोनों में कहासुनी हो गई। सुनील राठी अपने साथ पिस्टल लिए हुए था। उसने मुन्ना बजरंगी पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दी। उसने कुल 10 गोलियां चलाई गई। इनमें से नौ गोली बजरंगी को लगी। तीन गोली सिर और छह गोली सीने में सटाकर मारी गई। हत्या के दौरान मारी गई सभी गोलियां आर-पार हो गई। पोस्टमार्टम के दौरान जो एक गोली उसके सीने से मिली थी वो शायद 20 साल पुरानी गोली ही निकली है।
इस भयानक और सनसनीखेज हत्यकांड से उत्तर प्रदेश के सभी जेलों में बंद खूंखार और सफेदपोश बाहुबलियों की नींद हराम हो गयी है। वे इतना डर गए हैं कि बैरक से निकलना तो दूर खाना खाना तक बंद कर दिए है। उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में बंद बाहुबली बसपा विधायक और पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी सोमवार को बागपत जेल में अपने सहयोगी डॉन मुन्ना बजरंगी की हत्या से सहम गए हैं। वह दो दिन से अपनी बैरक से बाहर नहीं निकले हैं।
बांदा कारागार के जेलर वी.एस. त्रिपाठी ने बुधवार को बताया कि बागपत जेल में सोमवार को अपने सहयोगी डॉन मुन्ना बजरंगी उर्फ प्रेम प्रकाश सिंह की हत्या से यहां की जेल की बैरक संख्या-15 और 16 में बंद बाहुबली बसपा विधायक और पूर्वांचल के माफिया डॉन मुख्तार अंसारी काफी सहमे हुए हैं। वह दो दिन से अपनी बैरक से बाहर नहीं निकले और न ही किसी से मुलाकात की इच्छा जताई है। अंसारी ने दो दिन से सही तरीके से खाना भी नहीं खाया है।
जेल प्रशासन हालांकि उनकी सुरक्षा में कोई चूक नहीं करना चाहता है और इसके मद्देनजर उनकी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। जेलर ने बताया कि CCTV कैमरों के जरिए 24 घंटे बंदियों की हरकतों पर कड़ी नजर रखी जा रही है। अधिकारी खुद रतजगा कर सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं। उनकी बैरक में किसी भी बंदी रक्षक को भी जाने की इजाजत नहीं है और जेल की हर बैरक में दो दिन से सघन तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। बंदियों या बैरकों से अभी तक कोई भी आपत्तिजनक सामान बरामद नहीं हुआ है।