Despite the order of the Excise Commissioner, the investigation of the salesmen and licensees on hold.
जनपद मऊ अवैध शराब व मिलावटी शराब का कारोबार रोकने के लिए उत्तर प्रदेश शासन ने कड़े कदम उठाने का निर्देश दिया था। प्रदेश के सभी मण्डलायुक्त व जिलाधिकारियों को शराब के दुकानों के लाइसेंसधारियों व सेल्समैन का इतिहास जाचने के निर्देश के तहत हर किसी शराब दुकान के लाइसेंसधारी की जांच की जानी थी, लेकिन जनपद मऊ के जिलाधिकारी व जिला आबकारी अधिकारी के हिलाहवाली के काऱण जांच ठंडे बस्ते में है।
सूत्रों की माने तो जिले में तमाम ऐसे भी लाइसेंसधारी है जिनका कोई न कोई आपराधिक इतिहास रहा है, जिनकी जांच की हीलाहवाली कर कार्यवाही को लंबित किया जा रहा है, जिससे शासन के अवैध शराब के कारोबार को रोकने की मन्सा पर सवाल खड़े हो रहे है। बताते चले कि मऊ जिले में ऐसे बहुतेरे शराब लाइसेंसधारी है जिनके ऊपर आपराधिक मुकदमा होने के बाद भी लाईसेंस देने के नियमो को नजरअंदाज कर शराब की दुकानों का लाइसेंस दिया गया है। जिला आबकारी विभाग अगर समय रहते निष्पक्ष जांच करती है,तो बहुत सी दुकांने निलम्बन की जद में आएंगी।