#BreakingNews
उन्नाव गैंगरेप मामले में पीड़िता के पिता की पुलिस हिरासत में हुई मौत के बाद ये मामला तूल पकड़ता जा रहा है. इस मामले में बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर आरोपी हैं. वहीं पीड़िता और उसके परिवार की ओर से लगातार कहा जा रहा है कि उनकी बात कोई नहीं सुन रहा है. बताया जा रहा है कि स्थानीय लोगों में विधायक और उनके परिवार का खौफ है. गांव का कोई भी आदमी चूं तक करने को तैयार नहीं है. आलम ये है कि पीड़िता और उसके परिवार वालों ने उन्नाव से करीब 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित अपने गांव ‘माखी’ लौटने तक से इनकार कर दिया है. उन्हें डर है कि यहां उन पर जानलेवा हमला हो सकता है.
डीएम ने कहा कि पीड़िता के परिवार के कहने पर हमने उनके लिए उन्नाव में ठहरने की व्यवस्था करवाई है. लेकिन रेप पीड़िता का इस पर कुछ और ही कहना है. पीड़िता ने कहा है कि डीएम ने मुझे एक होटल के कमरे में बंद रखा. उन्होंने मुझे पानी तक नहीं दिया. मैं बस ये चाहती हूं कि गुनहगारों को सजा मिले. उसने सीएम योगी आदित्यनाथ से इंसाफ की मांग की है.
डीएम आवास के बाहर इंतजार कर रही पीड़िता की मां ने कहा कि जब तक स्थिति सामान्य नहीं हो जाती हम गांव नहीं लौटेंगे. विधायक और उसके साथी जरूर कुछ न कुछ प्लान कर रहे होंगे. गांव में किसी की भी हिम्मत नहीं है, जो हमारा साथ दे सके. विधायक और उसके परिवार के खिलाफ कोई भी आवाज नहीं उठाएगा. गांव के सभी प्रशासनिक पद विधायक परिवार वालों के पास हैं. माखी गांव में कोई भी इस मामले पर बात करने को तैयार नहीं है. गांव के कई लोगों ने अपने घर-बार छोड़ दिए हैं, क्योंकि उन्हें डर है कि जांच के दौरान उनसे पूछताछ की जा सकती है.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक पीड़िता के गांव के शख्स ने कहा कि ये है विधायक की ताकत की पीड़ित परिवार को उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए कोर्ट तक जाना पड़ा. अधिकारी विधायक का ऑर्डर मानते हैं. वहीं गांव के ही एक और शख्स ने बताया कि पीड़िता के पिता पर तीन अप्रैल को हमला हुआ था, जब वो अपने घर जा रहा था. उसने बताया कि वो (पीड़िता का पिता) अपने घर जा रहा था तभी उसे विधायक के कुछ लोगों ने रोका और पीटना शुरू कर दिया. वो उसे विधायक के घर ले गए और वहां उसे घर के बाहर लाठी-डंडों से पीटा. ये सब कुछ भीड़ के सामने हुआ. इसके बाद पुलिस को बुलाया गया और उसे ले जाने को कहा गया.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने पीड़िता के पिता के खिलाफ आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया. साथ ही आईपीसी की कई धाराएं भी लगाईं. 8 अप्रैल को जब उसकी तबियत बिगड़ने लगी तो उसे जेल से जिला अस्पताल भेजा दिया गया. जहां 9 अप्रैल को सुबह के 3.40 बजे उसकी मौत हो गई.
उन्नाव गैंगरेप मामले की जांच के लिए गठित की गई एसआईटी बुधवार शाम को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी. मामले को गंभीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गृह विभाग को निर्देश दिए थे कि उन्नाव मामले में गठित की गई एसआईटी उन्नाव का दौरा कर बुधवार तक मामले में पहली रिपोर्ट पेश करे. आपको बता दें कि पीड़िता और उसके परिवार ने बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के खिलाफ रेप के आरोप लगाए थे.
ये मामला अब सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच चुका है. उन्नाव गैंगरेप मामले में एक जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट में दाखिल कर पीड़ित परिवार को मुआवजा देने और मामले की जांच सीबीआई से कराने की भी मांग की गई है. अधिवक्ता एमएल शर्मा द्वारा दाखिल की गई इस याचिका में कहा गया है कि पुलिस मामले में निष्पक्ष जांच नहीं कर रही है.
रेप पीड़िता के पिता की पोस्टमार्टम रिपोर्ट से ये साबित हो गया है कि उसे बेरहमी से पीटा गया था. पोस्टमार्टम रिपोर्ट में डॉक्टरों ने लिखा है कि मारपीट में उसकी बड़ी आंत फट गई थी. शरीर पर 14 स्थानों पर गंभीर चोट के निशान पाए गए हैं. ये चोट 6-7 दिन पुराने होने की भी पुष्टि हुई है. पीड़िता का पिता शॉक में चला गया था और सेप्टीसीमिया होने से शरीर में जहर फैल गया था.