लखनऊ: संघ प्रमुख मोहन भागवत 5 दिवसीय दौरे पर आज काशी पहुंचे। मोहन भागवत लोकसभा चुनाव 2019 के परिप्रेक्ष्य में राजनीति में हिन्दुत्व का तड़का लगा सकते हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि वे अपने 5 दिवसीय काशी प्रवास में आरएसएस के अन्य इकाईयों से न सिर्फ जानकारी लेंगे बल्कि प्रदेश व केन्द्र सरकार के जिम्मेदार लोगों से राजनीतिक क्षेत्र के लोगों का भी रिपोर्ट कार्ड जांचेगे। हालांकि अभी तक यह तय नहीं हो पाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ या भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह स्वयं आयेंगे या अपने प्रतिनिधियों के जरिये अपना पक्ष प्रस्तुत करेंगे।
ये है आरएसएस चीफ का प्रोग्राम
– मोहन भागवत के काशी आगमन के पूर्व सभी महत्वपूर्ण आनुषांगिक इकाईयों विहिप, बजरंग दल, विद्यार्थी परिषद, भारतीय मजदूर संघ, गोरक्षा समिति, दुर्गावाहिनी, वनवासी-गिरिवासी कल्याण समिति आदि के वरिष्ठपदाधिकारी 14 फरवरी तक बनारस पहुंच गए हैं।
– भागवत के साथ बैठकों में 8 केन्द्रीय अधिकारी व क्षेत्र के 33 कार्यकर्ता व पूर्वी उत्तरप्रदेश क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाले कानपुर, अवध, काशी तथा गोरक्ष प्रांत के 49 राजकीय जिलों व संघ रचना के 88 जिलों के 1270 कार्यकर्ता सम्मिलित होंगे।
– इसमें ग्राम विकास, कुटुम्ब प्रबोधन, गौरक्षा व सामाजिक समरसता के क्षेत्र में कार्यरत व विचार परिवार के कार्यकर्ता शामिल होंगे।
– साथ ही बैठकों के सभी विमर्श संगठनात्मक की कार्ययोजना व मूल्यांकन तथा संगठनात्मक कायरे के विस्तार व सामाजिक सरोकार से जुड़े होंगे।
– इस प्रवास की अवधि में 18 फरवरी को सम्पूर्णानन्द संस्कृत विविद्यालय परिसर में काशी महानगर द्वारा आयोजित कार्यक्रम में पूर्ण गणवेशधारी स्वयंसेवकों को संबोधित भी करेंगे।
– संघ प्रमुख की विभिन्न बैठकों में इस बात की चर्चा होगी कि अगले एक साल के अंदर प्रदेश व केन्द्र में राजनीतिक अनुकूलता का किस प्रकार अधिक से अधिक उपयोग कर लिया जाए ताकि चुनाव के समय उसे एक पैमाना बनाकर भाजपा के पक्ष में जनादेश लिया जा सके।
राम मंदिर पर भी चर्चा
– संघ के वरिष्ठ पदाधिकारियों को इस समय सिर्फ अयोध्या में राममंदिर निर्माण को लेकर जरुरत से ज्यादा उत्सुकता है। क्योंकि यहीं एक मुद्दा है जिस पर हिन्दू मतों का ध्रुवीकरण आसानी से हो सकता है।
– संघ वरिष्ठों को उम्मीद है कि अगले एक या दो माह में मंदिर निर्माण को लेकर बहुत सारी बाधाएं या तो सुप्रीम कोर्ट के जरिये खत्म हो सकती है या फिर मई 2018 में राज्यसभा में भाजपा के बहुमत के बाद खत्म हो जायेगी।
– वैसे भी भाजपा के राज्यसभा सदस्य सुबह्मणयम स्वामी खुलेआम यह बात कह चुके है कि राज्यसभा में भाजपा के बहुमत होते ही वह अपनी ओर से मंदिर निर्माण को लेकर एक निजी बिल लायेंगे और नियम के तहत उस पर चर्चा कराकर वोटिंग के जरिये केन्द्र सरकार को कानून बनाने के लिए मजबूर करेंगे यहीं बात श्रीरामजन्म भूमि न्यास के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ रामविलास वेदान्ती भी पिछले दिनों बनारस आकर कह चुके हैं।