उत्तर प्रदेश के मेरठ में निगम पार्षदों की बोर्ड मीटिंग के दौरान जमकर हंगामा हुआ। दोनों पक्षों की ओर से तीखे संवाद हुए। बाद में पुलिस के हस्तक्षेप के बाद मामला शांत किया गया। दरअस विवाद की शुरुआत तब हुई जब बीएसपी पार्षदों ने वंदे मातरम् गाने की बजाए इसका ऑडियो चला दिया। इसपर भाजपा पार्षद खासे नाराज हो गए। बोर्ड मीटिंग में ही बसपा पार्षदों के खिलाफ नारेबाजी की। पूरी घटना का वीडियो न्यूज एजेंसी ने भी जारी किया है। इसमें दोनों पक्षों के बीच चल रही तीखी बहस को साफतौर पर देखा जा सकता है।
बता दें कि वंदे मातरम् गायन को लेकर मेरठ नगर निगम में इससे पहले भी हंगामा हो चुका है। हाल के दिनों में चुनकर आईं बीएसपी की मेयर सुनीता वर्मा वंदे मातरम् गायन के दौरान कथित तौर पर अपनी सीट पर बैठी हुई देखी गईं। इसपर भाजपा के पार्षदों ने उनके खिलाफ जमकर नारेबाजी की। बाद में इसपर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा था कि यहां विवाद का कोई कारण नहीं होना चाहिए क्योंकि सिर्फ राष्ट्रीय गान ‘जन गण मन’ बोर्ड मीटिंग से पहल बजाया जाएगा। हालांकि इससे पहले मेरठ के भाजपा मेयर रहे हरिकांत अहलुवालिया ने राष्ट्रीय गीत एमएमसी की बोर्ड मीटिंग से पहले बजाने को जरूरी घोषित किया था। इस दौरान कहा गया कि जो इससे इंकार करेगा उसे टर्मिनेट कर दिया जाएगा।
इस विवाद पर तब उप-राष्ट्रपति वेंकैया नायडू ने कहा था कि उन्हें समझ नहीं आता कि राष्ट्रीय गीत गायन में विवाद क्यों पैदा किया जा रहा है। वंदे मातरम् गाने में परेशानी क्या है? इसका मतलब तो मां को सलाम करना है। इस दौरान उन्होंने आगे कहा, ‘वंदेमातरम् गीत जिसने आजादी के समय लाखों को लोगों को प्रेरित किया। अब सालों में बाद हम इस मुद्दे पर उलझ रहे हैं कि वंदे मातरम् सहीं है या नहींय़ मुझे समझ नहीं आता कि इसपर बात करने की क्या जरूरत है?’