When people can stay in their home with rules and cleanliness, then why not in their own city?
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5 जिलों में कप्तानी कर चुके 2010 बैच के आईपीएस नवनियुक्त SSP Lucknow श्री Kalanidhi Naithani ने इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में बीटेक के साथ पुलिस प्रबंधन में एमबीए किया है। कलानिधि नैथानी जी बेहतर कानून व्यवस्था, जन सुनवाई की प्राथमिकता के लिए जाने जाते हैं। इससे पहले बरेली में कानून व्यवस्था को मजबूत करने में और कैशलेस चालान की पहल भी नैथानी जी के लॉ एंड आर्डर को टेक्नोलॉजी के साथ मिलाकर चलाने की अद्भुत परिकल्पना का साकार रूप है।
अब उनके हाथ में लखनऊ की कमान है। शायद लोगो को पहले दिन से पता चल गया की अब सब कुछ पहले जैसा नहीं चलने वाला। #No_Helmet_No_Petrol और दो पहिया वाहनों पर दोनों सवारियों का अनिवार्य रूप से helmet बहुत पहले का नियम लखनऊ में लागू हुआ था मगर कोई सख्ती न होने कि वजह से पालन नहीं करता था, मगर अब आपके द्वारा कि गयी सख्ती से इसे दुबारा से लोगो को पालन कराया जा रहा है जो कि सराहनीय है। लखनऊ की सबसे बड़ी समस्या अंधाधुंध ट्रैफिक और जाम है। जगह जगह नो पार्किंग के बावजूद बेतरतीब कड़ी गाड़ियां, ऑटोमैटिक सिग्नल और सिग्नल लाल होने के बावजूद लोगो का सिग्नल तोड़ कर दाएं बाएं निकल जाना। किसी भी ट्रैफिक रूल को सही से न मानने और तोड़ने का जैसे यहाँ लोगो ने अपना पुनीत कर्तव्य मान लिया है।
आम नागरिकों का छोड़िये कुछ पुलिसवाले ही नियम और कानून को नहीं मानते, जो दूसरों का ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के लिए चालान करते हैं वे खुद कितना नियमों का पालन करते हैं ये पूरे शहर को मालूम है। सड़को पर सबसे ज्यादा जाम की समस्या भी कुछ ऐसे ही पुलिस वालों की अवैध उपज है जहाँ वे कुछ रुपयों के लिए चौराहों और सड़क के किनारे ठेले और ऑटो-टेम्पो वालों का स्टैंड बन जाता है और जाम लगा रहता है। ये आप किसी भी चौराहे या सड़क के किनारे देख सकते हैं। ये उन पुलिस वालों के लिए भी दिक्कत है जो ईमानदारी से अपना काम करते हैं। आये दिन जानवरों का खुले में घूमते हुए सड़क पर चलती गाड़ियों से टकरा जाना भी एक आम समस्या है।
हमारा मानना है कि यदि हर कोई चाहे वो आम जनता हो, पुलिस वाला हो या अन्य कोई सरकारी कर्मचारी जब तक अपने शहर को घर नहीं समझेगा तब तक शहर में चाहे जितने नियम लग जाएँ चाहे जितने कानून बन जाएं कोई मतलब नहीं। क्यूंकि जब लोग अपने घर में नियम और सफाई से रह सकते हैं तो अपने शहर में क्यों नहीं? उम्मीद है कि मेट्रो के सारे रुट चालू हो जाने और Odd-Even फार्मूला से लखनऊ का बीमार ट्रैफिक सिस्टम काफी सुधर जाये और प्रदुषण से भी निजात मिल जाय। इस मामले में हमें जापान से कुछ सीख लेने की आवश्यकता है।