Thursday, November 21, 2024
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दुनिया सबसे पहला किसान मंदिर प्रतापगढ़ यू.पी. में

SI News Today

World’s first Kisaan Temple in Pratapgarh U.P.

  

प्रतापगढ़।

विश्व का पहला किसान देवता मंदिर किसान पीठाधीश्वर योगिराज सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ  जनपद के पट्टी तहसील के सराय महेश ग्राम में निर्मित किया गया है।

यह एक अनोखा मंदिर हैै| इस मंदिर की खास बात यह है कि यह किसी एक धर्म या संप्रदाय का मंदिर नहीं है बल्कि यह किसान देवता के नाम से एक ऐसा सार्वाजनिक धार्मिक स्थल  है जहा पर किसी भी धर्म व संप्रदाय के लोग पूजा, अर्चना, इबादत व प्रेयर कर सकते है|

किसान देवता मंदिर पर रविवार से शुक्रवार सुबह 8 से शाम 6 बजे तक  विभिन्न रोगो से त्रस्त रोगियों का निशुल्क इलाज महर्षि भक्ति प्रकाश द्वारा किया जाता है व मुफ्त औषधी का वितरण होता है| प्रतिदिन सैकड़ो रोगियों के निशुल्क इलाज के जिस मिशन को किसान पीठाधीश्वर योगिराज सरकार ने प्रारम्भ किया है उसका परिणाम यह है कि भारी ताकाद में दूर दराज से आए लोगो को लाभ हुआ है। इसलिए किसान देवता निशुल्क धर्माथ चिकित्सालय पर अलग अलग प्रदेश व जिलो से लोग आते है और उनका निशुल्क सफल उपचार होता है।

किसान देवता मंदिर के निर्माणकर्ता योगिराज सरकार किसानो के हित के लिए लगातार प्रयास कर रहें है जिसका प्रत्यक्ष रूप आप किसान देवता मंदिर व किसान देवता निशुल्क धर्माथ चिकित्सालय के रूप में देख सकते है| इसके अलावा किसान देवता मंदिर पर किसान बैठक व किसान पंचायत होती है जिसमे किसानों को संबोधित करते हुए योगिराज सरकार व अन्य कृषि विभाग के ज्ञानी किसानों के फसल के उपज को बढा़ने के तरीको को बताते है | साथ ही मिट्टी को उपजाऊ बनाने की विधि किसानों को बताते हैं।

किसानो के खेती में लाभ के लिए किसान देवता मंदिर पर विभिन्न तरह के सफल व सरल तरीको की चर्चा होती है जिसमे दूर दूर के किसान भाई आकर उपस्थित होते है और किसान बैठक की शोभा बढाते है।

योगिराज सरकार ने किसान की आय दोगुनी करने की अपील सरकार से की है क्योकि सब की आय दोगुनी तीनगुनी हो गई लेकिन देश के विधाता अन्नदाता के आय में वर्षों से केवल नाम मात्र का इजाफा हुआ है । इसलिए  किसान पीठाधीश्वर योगिराज सरकार का यह लक्ष्य है कि किसानो की आय भी दोगुनी होनी चाहिए।

सप्ताह के प्रत्येक सोमवार को किसान देवता मंदिर पर भंडारा होता है जिसमे किसान भाई व दूर दराज से आए अलग अलग धर्मो के संत महात्मा लोग किसान देवता का प्रसाद ग्रहण कर रात भर सत्संग और प्रभु का भजन करते हैं । ओर प्रत्येक माह के अंतिम सोमवार को विशाल भंडारा और सत्संग होता है।

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