फेक न्यूज और संदिग्ध लिंक की रोकथाम के लिए वॉट्सऐप ने एक नया फीचर जारी किया है. इस फीचर के जरिए आपके पास आने वाले किसी संदिग्ध लिंक की पहचान हो जाएगी और उसे ब्लॉक कर दिया जाएगा. कंपनी ने इस फीचर का नाम ‘सस्पीशस लिंक डिटेक्शन’ है और फिलहाल इसका परीक्षण जारी है. ये फीचर वॉट्सऐप के बीटा वर्जन 2.18.221 पर मौजूद है. टेस्टिंग के बाद कंपनी इस फीचर को सभी एंड्रॉइड यूजर्स के लिए रिलीज कर देगी. वॉट्सऐप के इस फीचर के बारे में वेबसाइट WABetaInfo ने बताया है कि यूजर्स के पास मैसेज के साथ आने वाले लिंक अपने आप स्कैन हो जाएंगे और जो लिंक वॉट्सएप को संदिग्ध लगेंगे वह ‘सस्पीशस लिंक टेक्स्ट’ के साथ लाल रंग में हाईलाइट हो जाएंगे. इसके बाद भी यदि यूजर लिंक खोलने की कोशिश करेगा, तो उसे संदिग्ध लिंक की चेतावनी दी जाएगी कि आप एक खतरनाक लिंक खोलने की कोशिश कर रहे हैं. अब आपके पास वापिस जाने या लिंक खोलने के दो विकल्प होंगे.
वॉट्सऐप की तरफ से इस फीचर को लेकर जारी बयान में कहा गया कि फीचर ठीक तरह से काम कर रहा है, लेकिन अभी ये पता करना बाकी है कि वॉट्सएप सभी संदिग्ध लिंक को सही तरीके से स्कैन कर पा रहा है या नहीं. इस फीचर की मदद से वॉट्सऐप मैसेज में आने वाले सभी अक्षरों को स्कैन करेगा और संदिग्ध कीवर्ड मिलने पर उसे सस्पीशस की सूची में डाल देगा. शुरुआत में कंपनी इस फीचर को एंड्रॉइड यूजर्स के लिए लाएगी. आईफोन और विंडोज यूजर्स को इसकी सुविधा बाद में मिलेगी.
इससे पहले फेक न्यूज पर लगाम लगाने के लिए वॉट्सऐप ने चैट की लिमिट तय कर दी थी. कंपनी के मुताबिक, अब भारतीय यूजर्स क्विक फॉरवर्ड बटन का भी इस्तेमाल नहीं कर पाएंगे. वॉट्सऐप ने इस फीचर में बदलाव सिर्फ भारतीय यूजर्स के लिए किया है. वॉट्सऐप की नई गाइडलाइंस के मुताबिक, भारतीय यूजर्स दूसरे देशों की तुलना में ज्यादा मैसेज फॉरवर्ड करते हैं. इनमें वीडियो और फोटोज भी शामिल हैं. आपको बता दें, वॉट्सऐप के भारत में करीब 20 करोड़ यूजर्स हैं. पिछले दिनों वॉट्सऐप ने गाइडलाइंस जारी की थीं. लेकिन, फेक न्यूज पर रोक पर लगाम लगाने के लिए भारत सरकार ने एक और नोटिस जारी किया. बता दें, फेक न्यूज के वॉट्सऐप से फैलने के बाद देश में कई जगह मॉब लिंचिंग की खबरें सामने आई थीं.