Wednesday, December 18, 2024
featuredटेक्नोलॉजी

हर गोबिंद खुराना को गूगल ने डूडल बनाकर दी श्रद्धांजलि…

SI News Today

Google Doodle Har Gobind Khorana: भारतीय मूल के वैज्ञानिक डॉक्टर हर गोविंद खुराना का आज (9 जनवरी) जन्मदिन है। इस मौके पर गूगल ने डूडल बना कर हर गोविंद को याद किया है। डॉक्टर हर गोविंद खुराना को 1968 में फिजियोलॉजी में नोबल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।

इसके अलावा उन्हें पद्म विभूषण, विलियर्ड गिब्स अवार्ड, अलबर्ट लास्कर अवार्ड और गैर्डनर फाउंडेशन इंटरनैशनल अवार्ड जैसे ढेरों पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। डॉ. हरगोविंद खुराना ने लाहौर की पंजाब यूनिवर्सिटी से साल 1943 में बी.एस-सी. (आनर्स) और साल 1945 में एम.एस.सी. (ऑनर्स) की डिग्री प्राप्त की। भारत सरकार की छात्रवृत्ति से वो उच्च शिक्षा के लिए इंग्लैंड चले गए। इंग्लैंड में उन्होंने लिवरपूल यूनिवर्सिटी से डाक्टरैट की उपाधि प्राप्त की। पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कुछ समय भारत में बिताया। डॉ. खुराना का जन्म रायपुर में 9 जनवरी साल 1922 को हुआ था।

इसके बाद वह प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड पर रिसर्च के लिए वापस कैंब्रिज चले गए। खुराना प्रोटीन और न्यूक्लिक एसिड के विशेषज्ञ बन गए है। डॉ. खुराना ने जीन इंजीनियरिंग (बायो टेक्नोलॉजी) विषय की बुनियाद रखने में अहम भूमिका निभाई। उन्होंने इंग्लैंड, स्विट्जरलैंड और कनाडा की यूनिवर्सिटीज में इसपर रिसर्च किया।

डॉ हर गोविंद ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर डीएनए अणु की संरचना को स्पष्ट किया था और यह भी बताया था कि डीएनए प्रोटीन्स का संश्लेषण किस प्रकार करता है। जींस का निर्माण कई प्रकार के एसिड से होता है। खोज के दौरान यह पाया गया कि जींस डीएनए और आरएनए के संयोग से बनते हैं। इन्हें जीवन की मूल इकाई माना जाता है। इन एसिड में आनुवंशिकता का मूल रहस्य छिपा हुआ है।

1960 में डॉ. हर गोविंद ने संयुक्त राज्य अमेरिका के विस्कान्सिन विश्वविद्यालय के इंस्टिट्यूट ऑव एन्जाइम रिसर्च में प्रोफेसर का पद पर कार्य और इसी संस्था के निदेशक रहे। यहां उन्होंने अमेरिकी नागरिकता स्वीकार कर ली। 09 नवम्‍बर 2011 को इस महान वैज्ञानिक ने अमेरिका के मैसाचूसिट्स में अन्तिम सांस ली।

SI News Today

Leave a Reply