कुछ ही दिनों में आॅस्ट्रेलिया के गोल्ड कोस्ट में कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने वाले हैं और इसके लिए भारतीय दल भी वहां पहुंच चुका है, लेकिन भारतीय दल को आने वाले दिनों में मुश्किल का सामना करना पड़ सकता है. दरअसल कॉमनवेल्थ गांव में भारतीय खेमे से कुछ सुई और सिरिंज बरामद हुई है. वहां के स्थनीय अधिकारियों ने भारतीय दल के कुछ सदस्य के कमरों से सिरिंज बरामद की. टाइम्स आॅफ इंडिया की खबर के मुताबिक यह पता लगाना अभी बाकी है कि वह सिरिंज हाउसकीपिंग स्टाफ द्वारा मिली है या फिर अधिकारियों द्वारा अचानक जांच के दौरान उन्हें यह सिरिंज मिली है. 2011 में डोपिंग की घटनाओं के बाद अंतर्राष्ट्रीय ओलिंपिक समिति ने 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स में नो नीडल पॉलिसी पेश की थी.
यह सिरिंज कुछ टीम के सदस्यों के कमरे से मिली थी. इसका मतलब आने वाले कुछ दिनों में भारतीय खिलाड़ियों को खेल के दौरान ही डोप टेस्ट से गुजरने के लिए कहा जा सकता है. वहीं इंडियन ओलिंपिक एसोसिएशन के एक सूत्र की माने तो संघ इससे बिल्कुल भी आश्चर्यचकित नहीं हुआ था और रियो ओलिंपिक और पिछले कॉमनवेल्थ गेम्स को याद करते हुए कहा कि 2014 में भी भारत को कॉमनवेल्थ गेम्स फैडरेशन से खिलाड़ियों द्वारा सुई के अनुचित निस्तारण के लिए चेतावनी मिली थी. यहीं नहीं 2014 ग्लास्गो कॉमनवेल्थ के दो साल बाद रियो ओलिंपिक में एक बार फिर खिलाड़ियों के पास से सीरींज पाई गई थी.
गोल्ड कोस्ट के लिए रवाना होने से पहले हमने खिलाड़ियों को साफ तौर पर एंटी डोपिंग के संबंध में सभी नियमों को बताया था. उन्होंने कहा कि उन्हें बता दिया गया था कि यदि उन्हें वास्तविक रूप में सिरिंज के इस्तेमाल की जरूरत है तो उन्हें इसके लिए इजाजत लेनी होगी, नहीं तो वह मुश्किल में पड़ सकते हैं. 2014 में ग्लास्गो कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने पर सीजीएफ ने नीडल फ्री पॉलिसी लागू की थी और अब वह गोल्ड कोस्ट में इसे और अधिक सख्ती से लागू करने की योजना बना रहे हैं. 4 अप्रैल से कॉमनवेल्थ गेम्स शुरू होने वाले है, जो 15 अप्रैल तक चलेंगे और इसी बीच सीजीएफ और एएसएडीए द्वारा एंटी डोपिंग कार्यक्रम चलासा जाएगा. वर्ल्ड एंटी डोपिंग एजेंसी ने एंटी डोपिंग प्रोग्राम पर नजर रखने के लिए तीन सदस्यों की टीम भेजी है.